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कार्डियक सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल ने बताया कि खेड़ली फ ाटक निवासी बालिका मानवी को अस्पताल लाया था। उसकी ईको कॉर्डियोग्राफी से पता चला कि उसके दिल में 1.2 सेमी का छेद है, लेकिन वजन करीब 3 किलो होने के कारण उसका ऑपरेशन चुनौतिपूर्ण था। हार्ट में छेद होने पर बच्चे की वृद्धि रुक जाती है। अतिरिक्त रक्त फेंफ ड़े में जाने लगता है। फेंफ ड़े में प्रेशर बढऩे के कारण उसे लगातार निमोनिया हो रहा था।
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हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरूषोत्तम मित्तल, डॉ. प्रवीण कोठारी, नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एमके गुप्ता, डॉ. राकेश मालव की टीम ने बालिका का दो चरणों में ऑपरेशन किया। पहला जून में ऑपरेशन करके नली को बंद किया गया। उस समय बच्ची का वजन मात्र साढ़े 3 किलो था।
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पहले ऑपरेशन के बाद कुछ परिवर्तन आया तो बच्ची का वजन बढ़कर पांच किलो हो गया, तब फ रवरी में दूसरे चरण में सर्जरी की गई। ऑपरेशन 28 फ रवरी 2018 को किया गया। उसकी हालत देखते हुए सप्ताह भर में बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है | इतनी छोटी बालिका के ऑपरेशन का हाड़ौती का यह संभवत: पहला ही मामला है।