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अब राजस्थान के मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाएंगे दूसरे राज्यों के छात्र

राजस्थान के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसदी स्टेट और एनआरआई कोटे की सीटों पर अब बाहरी राज्यों के छात्रों को दाखिला नहीं मिलेगा।

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राजस्थान के मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाएंगे दूसरे राज्यों के छात्र

कोटा. राजस्थान के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसदी स्टेट और एनआरआई कोटे की सीटों पर अब बाहरी राज्यों के छात्रों को दाखिला नहीं मिलेगा। स्टेट डोमिसाइल के नियमों को बदलते हुए डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ने राजस्थान में निरंतर पढ़ाई करते हुए दसवीं और बारहवीं बोर्ड उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को ही इन सीटों पर दाखिला देने का निर्देश दिया है।

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राजस्थान के 17 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2055 और बीडीएस की 1494 सीटें हैं। इनमें से 15 फीसदी सीटों पर नीट के जरिए और 85 फीसदी सीटों पर स्टेट कोटे के जरिए दाखिला दिया जाता है। पिछले शैक्षणिक सत्र तक दूसरे राज्यों से राजस्थान आकर ग्यारहवीं और बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बाहरी राज्यों के छात्रों को भी इन सीटों पर दाखिला मिल जाता था। राजस्थान में दो साल पढ़ाई करने के कारण यह छात्र राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र भी बनवा लेते थे।

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अब बदले नियम
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि डायरेक्टरेट की ओर से जारी किए नए नियमों के अनुसार अब उन्हीं छात्रों को राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे की सीटों पर दाखिला मिल सकेगा जिन्होंने राजस्थान के स्कूलों से शुरुआती परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 10वीं, 11वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। वहीं एनआरआई कोटे के लिए परिजनों को साबित करना होगा कि वह राजस्थान के मूल निवासी हैं।

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ड्यूल डोमिसाइल का नुकसान
एजुकेशन एक्टिविस्ट डॉ. अमित गुप्ता बताते हैं कि कोटा समेत प्रदेश के कई शहरों में चल रहे कोचिंग संस्थान बाहरी राज्यों के छात्रों को दो साल तक मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कराते हैं। कोचिंग संस्थान इन छात्रों को बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए अपने डमी स्कूलों में दाखिला दे देते हैं। दो साल तक राजस्थान में रहकर पढ़ाई करने से बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा समेत दूसरे राज्यों के हजारों छात्र उनके गृह प्रदेशों के साथ-साथ राजस्थान का भी डोमिसाइल हासिल कर लेते थे। यह छात्र अपने गृह राज्य के साथ-साथ राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में स्टेटे कोटे की सीटों पर भी एप्लाई कर देते थे।