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परवन के पानी में लगी राजनीति की आग

- परवन सिंचाई परियोजना पर भाजपा कांग्रेस आमने सामने- पूर्व विधायक नागर का आरोप, सांगोद विधायक किसानों को उकसा रहे हैं- विधायक सिंह बोले किसानों की फसल को बर्बाद नहीं करने दूंगा

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कोटा

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Deepak Sharma

Jan 08, 2020

- परवन सिंचाई परियोजना पर भाजपा कांग्रेस आमने सामने

- परवन सिंचाई परियोजना पर भाजपा कांग्रेस आमने सामने

कोटा. परवन वृहद सिंचाई परियोजना की लिफ्ट परियोजना के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम सांगोद विधायक भरतसिंह ने रुकवा दिया है। उनके समर्थकों ने निर्माण कम्पनी के वाहनों की हवा निकाल दी और कर्मचारियों को भगा दिया। इस मामले को लेकर मंगलवार को राजनीति शुरू हो गई।

पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने भरतसिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में यह महत्वपूर्ण परियोजना मंजूर की गई थी, जिसे विधायक बंद करवाने पर आमादा हैं। वे नहीं चाहते है कि किसानों के खेतों में नहरी पानी पहुंचे। उधर सिंह ने कहा कि वे किसानों की फसल को नष्ट नहीं होने देंगे।

नागर ने आरोप लगाया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना को निश्चित समय में चालू करने को लेकर परियोजना में फ सल के समय लाइन डालने के लिए फसल खराब होने पर मुआवजे का प्रावधान रखा गया है। जिससे सिंचाई परियोजना का कार्य समय पर पूरा हो सके एवं क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई परियोजना का लाभ शीघ्र मिल सके।

गेहूं की फ सल पर प्रति बीघा के हिसाब से 13095 रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान है। नागर ने कहा कि अगर कोई किसान फ सल कटने के बाद पाइप लाइन डलवाना चाहता है तो उपखण्ड अधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र देकर कार्य को रुकवा सकता है।


धमका रहे है
निर्माण कम्पनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि विधायक सिंह अपने समर्थकों के साथ आए और हमारी मशीनों की हवा निकाल दी और कर्मचारियों से मारपीट की गई। थाने में बंद करवाने की धमकी दी गई। किसानों के खेतों में जबर्दस्ती पाइप नहीं डाले जा रहे हैं। पहले संबंधित किसान की लिखित अनुमति ली जा रही है, उसके सहमति पत्र देने के बाद ही पाइप लाइन डाली जा रही है।

खड़ी फसल में नहीं डालने देंगे पाइप
उधर सांगोद विधायक भरत सिंह ने कहा कि परवन सिंचाई परियोजना के पहले चरण का ही काम पूरा नहीं हुआ है, और दूसरे चरण में किसानों के खेतों में खड़ी फसल में जबर्दस्ती खुदाई कर पाइप डाले जा रहे हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं कैसे यह बर्दाश्त कर सकता हूं। खड़ी फसल में एक भी किसान के खेत में पाइप लाइन नहीं डालने दूंगा। यह काम ऐसा जरूरी नहीं है कि फसल की खुदाई करनी पड़े। जो किसान हित की बात कर रहे हैं वे जवाब दें कि भंवरसा परियोजना का पानी सांगोद में क्यों नहीं पहुंचा।