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कोटा के बाद जयपुर में कोचिंग हब बनाने की तैयारी

राजस्थान आवासन मण्डल की ओर से जयपुर के प्रताप नगर में विकसित देश के पहले एवं महत्वाकांक्षी कोचिंग हब प्रोजेक्ट में निर्मित संस्थानिक सम्पत्ति की आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है।

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कोटा. राजस्थान के कोटा शहर में तीन दशक में कोचिंग हब विकसित हुआ है, इसमें सरकार का कोई ज्यादा योगदान नहीं रहा। यहां के कोचिंग संचालक, बेहतर फैकल्टी और कोटा की जनता ने मिलकर पूरे देश में खास पहचान बनाई है। अब राजस्थान आवासन मण्डल की ओर से जयपुर के प्रताप नगर में विकसित देश के पहले एवं महत्वाकांक्षी कोचिंग हब प्रोजेक्ट में निर्मित संस्थानिक सम्पत्ति की आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शान्ति धारीवाल ने मंगलवार को जयपुर में हॉस्पिटल रोड स्थित अपने राजकीय निवास पर इसके आवंटन से संबंधित पुस्तिका एवं पोस्टर का विमोचन किया। नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि आवासन मण्डल ने लीक से हटकर काम करते हुए प्रदेश के आधारभूत ढांचे के विकास की दृष्टि से एक से बढकर एक नई योजनाओं को गति दी है और कोचिंग हब इसका अनूठा उदाहरण है। धारीवाल ने कहा कि प्रताप नगर में कोचिंग हब के बनने से एक ही स्थान पर कोचिंग गतिविधियां संचालित हो सकेंगी। इससे यातायात एवं पार्किंग की समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कोटा ने जहां कोचिंग सिटी के रूप में नाम कमाया है वहीं अब जयपुर भी कोचिंग हब के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा। करीब 228 करोड़ रुपए की इस योजना में केन्द्रीयकृत पुस्तकालय के साथ-साथ छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के लिए आवश्यक सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं। प्रताप नगर के हल्दीघाटी मार्ग सेक्टर-16 में 65 हजार वर्ग मीटर भूमि पर दो चरणों में कोचिंग हब विकसित किया जा रहा है। इससे लगभग 65 से 70 हजार छात्रों को शैक्षणिक सुविधा का लाभ मिलेगा तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नवीन रोजगारों का सृजन होगा। जिससे स्थानीय निवासी भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में निर्मित 5 ब्लॉक में कुल 140 कोचिंग परिसरों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। करीब 1588.06 वर्गफीट से 8025.56 वर्गफीट तक सुपर बिल्टअप क्षेत्रफल के इन सभी कोचिंग परिसरों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 25 जुलाई से 25 अगस्त, 2022 तक किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में पांच संस्थानिक ब्लॉक, 90 दुकानों का व्यावसायिक परिसर तथा अन्य विकास कार्य जैसे चारदीवारी, आंतरिक सडक आदि का निर्माण पूर्णता की ओर है।

यह होगी आवेदन की पात्रता
जयपुर शहर में संचालित कोचिंग संस्थानों को आवंटन में वरीयता दी जाएगी। कम से कम तीन वर्षों से कोचिंग के क्षेत्र में कार्यरत एवं पंजीकृत संस्थान ही आवेदन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए आवेदन शुल्क 5 हजार रुपए (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) तथा प्रोसेसिंग शुल्क 10 हजार रुपए (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) रखा गया है। निर्मित कोचिंग परिसरों को क्षेत्रफल के आधार पर 6 श्रेणियों में बांटा गया है। कोई भी आवेदक किसी एक श्रेणी में ही आवेदन कर सकेगा। प्रत्येक श्रेणी में लॉटरी के माध्यम से आवेदकों की वरीयता निर्धारित की जाएगी। वरीयता निर्धारण के पश्चात सफल आवेदकों को संस्थानिक सम्पत्ति का आवंटन लॉटरी के जरिए ही किया जाएगा।
आवंटन पत्र जारी होने से 180 दिवस के भीतर सम्पूर्ण राशि जमा करवानी होगी। आवंटी संस्था द्वारा विधिवत कब्जा प्राप्त करने से 3 माह की अवधि में संस्था संचालन की कार्यवाही करनी अनिवार्य होगी।

बाजार दर से 25 से 30 प्रतिशत कम कीमतों पर होगा आवंटन
आवासन मण्डल ने कोचिंग परिसरों की आवंटन दरें बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत तक कम रखी है। श्रेणीवार प्रति वर्गफीट दर न्यूनतम 4233 रुपए से अधिकतम 4619 रुपए प्रति वर्गफीट निर्धारित की गई है जो कि बाजार में प्रचलित दरों से 25 से 30 प्रतिशत तक कम है। नगर निगम को देय राशि एवं अन्य विविध व्यय अलग से देने होंगे।