इसका मुख्य कारण 1 अप्रेल 2018 से छोटे-छोटे करीब 6 हजार ट्रकों पर करोड़ों की डिमाण्ड निकाल दी गई है। अब 1-1 ट्रक पर 10 से 30 लाख तक ओवरलोड की डिमाण्ड निकाली गई है, जो किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है। यह पत्थर उद्योग को खत्म करने की खाजिश है, जिसे सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने इस मसले पर मुख्यमंत्री से दखल करने का आग्रह किया है।
बैठक में कोटा स्टोन स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के रामगंजमण्डी के संरक्षकयतीश अग्रवाल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विपिन सूद, खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, हाड़ौती कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता, संरक्षक छुट्टनलाल शर्मा, निर्वाचित अध्यक्ष महावीर जैन, उपाध्यक्ष पदम जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान न्याती, पूर्व सचिव जम्बू जैन, दी एसएसआई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र जैन, स्टोन मर्चेन्ट विकास समिति के संरक्षक घनश्याम गुप्ता, सचिव विजय केडिया, उपाध्याक्ष शिवचरण गुप्ता, कोटा स्टोन टेडर्स एसो. के अध्यक्ष बी.के. गुप्ता, सचिव हरीश प्रजापति सहित कई स्टोन उद्यमी शामिल थे।