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धनिया के भावों में भारी बढ़ोतरी, 32 हजार बोरी का हुआ कारोबार, मुनाफे से किसान और व्यापारी हुए खुश

Farmer News : विशिष्ट श्रेणी की धनिया मंडी में बुधवार को करीब 32 हजार बोरी का कारोबार हुआ। इसमे मंगलवार का पेंडिंग चार हजार बोरी धनिया भी शामिल था।

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कोटा

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Omprakash Dhaka

Mar 14, 2024

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रामगंजमंडी. कृषि उपज मंडी में नीलामी से पहले आपस में फसल व भावों के बारे में चर्चा करते किसान।

Mandi News: विशिष्ट श्रेणी की धनिया मंडी में बुधवार को करीब 32 हजार बोरी का कारोबार हुआ। इसमे मंगलवार का पेंडिंग चार हजार बोरी धनिया भी शामिल था। प्रात 9 से 12 बजे व लंच के बाद से शाम तक चली नीलामी में इस धनिया की नीलामी में बिक्री हो गई। 32 हजार बोरी आवक व लेवालों का रुझान होने से धनिया की सभी क्वालिटी में भाव मंगलवार से 100 से 200 रुपए की तेजी के साथ बंद हुए। चना में इस दिन सौ रुपए व सरसों के भावों ने पचास रुपए की तेजी देखने को मिली।


मंडी में अभी धनिया की आवक का दौर जारी है। प्रतिदिन जितने वाहनों में धनिया सहित अन्य जिंस आ रही है, उनको मंडी में प्रवेश नहीं मिल रहा। रात में आने वाले इन किसानों को सुबह होने से पहले यहां पहुंचने पर अंदर घुसने का मौका मिल जाता है. लेकिन 6 बजे बाद आने वाले वाहनों को अंदर जगह नहीं होने से घुसने नहीं दिया जाता और दिनभर उन्हें साबू मैदान में रहना पड़ता है। रात को बारह बजे मंडी गेट खुलने पर वाहन के साथ प्रवेश मिलता है।


मंडी में इन दिनों धनिया की कटाई करके किसान सीधे मंडी में ला रहे हैं। तापमान में अब बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन उसके बाद भी बीस प्रतिशत धनिया मंडी में नमी वाला आ रहा है। अधिकांश धनिया व्यापारियों का रुझान सूखे धनिये की तरफ ज्यादा है ओर वह खरीद करके ऐसे धनिये को सीधे गोदामों की तरफ रवाना करने का मन बनाकर तुलाई करवा रहे है।


रामगंजमंडी में जिंस की आवक बढ़ने के बाद व्यापारियों, मुनीम, हम्मालों को फुरसत नहीं मिल रही। तुलाई व माल को गोदाम तक पहुंचाने के कार्य में उनकी रोजाना रात को 12 से 1 बज रही है। किसान भी जिंस लेकर आता है तो उसको यहां दो दिन रुकना पड़ रहा है। कृषि उपज मंडी के बाहर भोजन कचोरी समोसे व नाश्ते की दुकानें रात भर चल रही है।

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मंडी में प्रतिदिन जिंस बेचने सैकड़ों किसान आ रहे हैं। कुछ बुजुर्ग किसानों के साथ उनके पोते भी यहां देखने को मिलते हैं। रात के समय में जब मंडी यार्ड में वह ढेरी करते हैं तो दर्जनों किसान ढेरियों के पास सो जाते है तो कुछ आड़तिए की दुकानों को अपना ठिकाना बनाते हैं। नीलामी शुरू होने से पूर्व जिंस की ढेरियों के पास किसान समूह के रूप में एकत्रित होते हैं और एक दूसरे की कुशलक्षेम के साथ प्रति बीघा जिंस का औसत क्या रहा, इससे चर्चा शुरू करते है और बातचीत परिवार के सुख-दुख की बातों तक पहुंच जाती है। रामगंजमंडी की धनिया मंडी में हाड़ौती व मध्यप्रदेश के जिलों से किसान पहुंचते हैं। हाड़ौती व एमपी के किसान का मेल मिलाप यहां रिश्तेदारियों तक भी पहुंचता है। जान पहचान भी उनकी मंडी में आने से बढ़ रही है।