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कोटा का होनहार: वर्चस्व श्री को नीदरलैंड में मिला 1.25 करोड़ का पैकेज

आईआईटी कानपुर में कम्प्यूटर साइंस में बीटेक फाइनल ईयर में अध्यनरत कोटा निवासी वर्चस्व श्री को नीदरलैंड स्थित एक मल्टीनेशनल कम्पनी में 1.25 करोड़ का पैकेज मिला है। वर्चस्व श्री को यह उपलब्धि दिसम्बर में कॉलेज में आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट में मिली है।    

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कोटा

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Abhishek Gupta

Jan 05, 2022

कोटा का होनहार:  वर्चस्व श्री को नीदरलैंड में मिला 1.25 करोड़ का पैकेज

कोटा का होनहार: वर्चस्व श्री को नीदरलैंड में मिला 1.25 करोड़ का पैकेज

कोटा. आईआईटी कानपुर में कम्प्यूटर साइंस में बीटेक फाइनल ईयर में अध्यनरत कोटा निवासी वर्चस्व श्री को नीदरलैंड स्थित एक मल्टीनेशनल कम्पनी में 1.25 करोड़ का पैकेज मिला है। वर्चस्व श्री को यह उपलब्धि दिसम्बर में कॉलेज में आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट में मिली है। वर्चस्व श्री की माता डॉ. चारू श्री दिल्ली में एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व पिता वैभव श्री एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करते हैं। मां चारूश्री ने कोटा में रहकर अपने पुत्र को श्रेष्ठ मार्गदर्शन दिया है। वर्चस्व श्री ने इतनी कम उम्र में मिली इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता व स्कूली शिक्षकों को देते हैं।

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वैभव श्री बचपन से मेधावी

वर्चस्व श्री की मां चारू श्री ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उनका दादाबाड़ी में मकान था। उनके बेटे वर्चस्व श्री ने कक्षा 6 तक कोटा में पढ़ाई की है। उसके बाद वे दिल्ली चले गए। तलवंडी के एक निजी स्कूल से उसने पढ़ाई की। वैभव श्री ने स्कूली शिक्षा में हमेशा सर्वाच्च अंक हासिल किए हैं।

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बेटे के कॅरियर के लिए मां ने नौकरी छोड़ी

बेटे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के एक विवि में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत वर्चस्व की मां चारूश्री ने जॉब छोड़ दी। उसके बाद बच्चे की पढ़ाई व कॅरियर के लिए 11वीं कक्षा में कोटा आने का निर्णय लिया। यहां वर्चस्व ने 12वीं में 96.6 प्रतिशत अंक हासिल किए। उसने कोटा में आईआईटी की तैयारी की। कोटा आकर बेटे का नियमित ध्यान रखना, समय प्रबंधन तय करना और उसकी पढ़ाई में आने वाली समस्या को दूर करना प्राथमिकता में था। बेटा जब कोचिंग चला जाता तो मां ने कोटा में नौकरी की। बेटे के आईआईटी में चयन के बाद मां ने फिर दिल्ली में नौकरी ज्वाइन कर ली।