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जीएसटी के जाल में फंसा चकाचक सड़कों का ख्वाब, हड़ताल पर गए ठेकेदार

जीएसटी में टेक्स दरें बढ़ने के विरोध में पीडब्ल्यूडी के ठेकादार हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे सड़कें दुरुस्त करने का काम खटाई में पड़ गया है।

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PWD contractors on strike against GST

अगर आप सोच रहे कि सालाना जलसे की तरह अभी दीपावली से पहले फटेहाल सड़कें कुछ दुरुस्त होने से आपको कुछ राहत मिल जाएगी तो आपकी उम्मीदें इस बार टूट सकती हैं। वजह है प्रदेश भर में चल रही ठेकेदारों की हड़ताल। जीएसटी में टेक्स दरें बढ़ाए जाने के विरोध में ठेकेदारों ने 6 सितंबर से कार्य बहिष्कार कर दिया है। जिसके चलते 48 करोड़ के काम फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

राजस्थान में सार्वजनिक निर्माण विभाग के संवेदक 30 जून के पहले के कार्यों पर जीएसटी लगने के विरोध में हड़ताल पर हैं। कोटा जिले में हड़ताल के कारण 6सितम्बर से संवेदक नए कार्यों की निविदा नहीं ले रहे। इस कारण करीब 48 करोड़ रुपए के टेंडर प्रभावित होंगे। इनमें बरसात के बाद खराब सड़कों के पेचवर्क, रिन्यूवल और नए गौरव पथ के निर्माण भी शामिल हैं। संवेदक हड़ताल को आर-पार लड़ाई की मान रहे। एेसा ही चलता रहा तो त्योहारी सीजन के पहले सड़कों के रिन्यूवल और पेचवर्क मुश्किल हो पाएंगे।

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ये होने हैं निर्माण कार्य

जिले की 3740 किमी सड़कों पर पेचवर्क के लिए राज्य सरकार ने 5.57 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। जबकि 27 सड़कों के नवीनीकरण के लिए भी 16.77 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इसमें करीब 76 किमी लम्बी सड़क का नवीनीकरण होगा। इसके लिए निकाली निविदा की अंतिम तारीख 10० अक्टूबर है। वहीं पीडब्ल्यूडी ने जिले में बनने वाले 43 नए गौरवपथ के लिए निविदा निकाल दी है। अंतिम तारीख 13 अक्टूबर है। इसमें 41.70 किमी सड़कें बनेंगी, 25.80 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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टालने में जुटे अफसर

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख शासन सचिव आलोक कुमार से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि हड़ताल का मामला वित्त विभाग का है, सरकार को फैसला लेना है। पीडब्ल्यूडी ने तो पेच व रिन्यूअल की राशि स्वीकृत कर दी है। पहले डिवीजन के अनुसार होती थी, लेकिन अब सड़क के अनुसार पैसा स्वीकृति किया है। जीएसटी दर 12 से 18 फीसदी हो गया है। वहीं राजस्थान कांट्रेक्टर एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष सुनील गर्ग ने कहा कि एक फीसदी वेट की जगह 12 फीसदी जीएसटी लगाया है। अब 11 फीसदी कर कहां से चुकाएंगे, मुनाफा ही 7 से 10 फीसदी होता है। इसलिए पीडब्ल्यूडी के सभी संवेदक निविदाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। हम किसी भी हद में पीछे नहीं हटेंगे।