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रेलवे का बड़ा कदम : आईबीएस तकनीक की मदद से एक ब्लॉक में एक साथ दो ट्रेनें दौड़ेंगी

इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग तकनीक से ट्रेनें चलाने की क्षमता होगी दोगुनी  

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कोटा

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Rajesh Tripathi

Mar 05, 2019

kota news

रेलवे का बड़ा कदम : आईबीएस तकनीक की मदद से एक ब्लॉक में एक साथ दो ट्रेनें दौड़ेंगी

कोटा. हर साल बढ़ रही ट्रेनों की संख्या को देखते हुए अब रेलवे एक खंड में एक साथ दो ट्रेनें दौड़ाएगा। इसके लिए पश्चिम रेलवे के सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग (आईबीएस) तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। पश्चिम मध्य रेलवे ने इस वर्ष 5 सेक्शनों में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग तकनीक का प्रयोग शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे इस तकनीक का विस्तार किया जाएगा। सामान्य ब्लॉक व्यवस्था में दो स्टेशनों के बीच सिर्फ एक ही गाड़ी चल सकती थी, अब इन्हीं स्टेशनों के बीच आईबीएस के प्रावधान से एक के पीछे एक यानी दो गाडिय़ां पूरी सेफ्टी के साथ चलाई जा सकती हैं। आईबीएस के प्रावधान से इन ब्लॉक खंड में गाडिय़ां चलाने की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

'अब सावे तो बदल नहीं सकते तो परीक्षाओं
का समय ही बदल दो '
इस व्यवस्था के प्रावधान से चलने वाली गाडिय़ों में बढ़ोतरी की जा सकती है एवं गाडिय़ों में होने वाले विलम्ब में भी कमी आएगी। अभी यह प्रावधान जबलपुर मंडल में 3 एवं कोटा मंडल में 1 और भोपाल मंडल में 1 कुल 5 ब्लॉक खंडों में आईबीएस का प्रावधान किया गया है।

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पश्चिम मध्य रेलवे की सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित ने बताया कि सामान्यत: किसी भी रेल खंड में ज्यादा गाडिय़ां चलाने के लिए नए स्टेशन बनाने पड़ते हैं। इसमें अत्यधिक खर्च होता है तथा स्टेशन के संचालन में 24 घंटे शिफ्ट ड्यूटी पर स्टाफ पदस्थ करना पड़ता है। इससे साल दर साल खर्च बढ़ता जाता है। इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग एक आधुनिक सिग्नलिंग व्यवस्था है, जिसमें दो स्टेशन के मध्य सिग्नल लगा दिए जाते हैं, जो कि पिछले स्टेशन से संचालित होते हैं। अत: इस व्यवस्था में बहुत कम खर्च में और बिना किसी अतिरिक्त स्टाफ के किसी भी खंड में ज्यादा गाडिय़ां चलायी जा सकती हैं।

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