
कोटा। Rajasthan Assembly Election 2023 : प्रदेश समेत हाड़ौती अंचल में भी दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय स्तर के नेता अपने-अपने दलों के प्रति माहौल बनाने में जुटे हैं। भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों के नामों पर फिलहाल पर्दा डला है। भाजपा ने पिछले दिनों पहली सूची जारी की, उसमें हाड़ौती की 17 में से एक भी विधानसभा क्षेत्र से एक भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की। राजनीतिक दृष्टि से हाड़ौती की चार सीटें हॉट मानी जा रही हैं। इसमें तीन पर मौजूदा मंत्री और एक सीट से पूर्व मुख्यमंत्री विधायक हैं। चारों सीटों पर राज्य ही नहीं देश के शीर्ष नेतृत्व की नजर है। तीनों ही विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग कैमिस्ट्री है।
कोटा उत्तर...
राजनीतिक समीकरणों में उलझी...
चंबल रिवरफ्रंट जैसे विकास कार्यों को लेकर इस बार यह विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है। विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने के बाद एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को मौका देने का ट्रेंड चल रहा है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल यहां से विधायक हैं। धारीवाल कांग्रेस आलाकमान को लेकर दिए गए बयानों को लेकर पिछले दिनों चर्चा में आए थे। धारीवाल यहां से अपने बेटे का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। भाजपा यहां बदले राजनीतिक समीकरणों में उलझी हुई है। यहां भाजपा कांग्रेस की चाल को देखकर प्रत्याशी तय करने में है। भाजपा यहां से बड़े राजनीतिक चेहरे को उतारने पर मंथन कर रही है। पार्टी आलाकमान ने कुछ दिनों पहले पूर्व राजपरिवार के एक सदस्य को दिल्ली बुलाकर चर्चा की थी।
अंता...
जातीय समीकरणों में उलझन
बारां जिले की अंता विधानसभा क्षेत्र भी हॉट सीट मानी जाती है। खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया यहां से विधायक हैं। कांग्रेस ईआरसीपी परियोजना के मुद्दे को भुनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में चुनावी आगाज कर चुकी है। भाजपा खान मंत्री के क्षेत्र में दिग्गज नेता को उतारने का मन बना रही है। भाजपा जातीय समीकरणों के आंकड़ों पर मंथन कर रही है। पार्टी प्रदेश स्तर के ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले नेता पर दांव लगा सकती है। हालांकि झालावाड़ जिले के एक नेता भी यहां जोर आजमाइश कर रहे हैं।
हिण्डौली...
राजनीतिक गलियारों में चर्चित
बूंदी जिले की यह विधानसभा क्षेत्र भी राजनीतिक गलियारों में चर्चित है। यहां से खेल मंत्री अशोक चांदना विधायक हैं। चांदना इस बार भी यहां से दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा पिछले चुनाव में इस सीट पर बड़े अंतर से हारी थी। इस बार इस सीट पर भी विशेष रणनीति से काम कर रही है। यह विधानसभा क्षेत्र भी जातीय समीकरणों में उलझा हुआ है। भाजपा इस सीट के गणित को अंता विधानसभा क्षेत्र से भी जोड़कर रणनीति बना रही है। जिस नाम पर चर्चा चल रही है, उनको दोनों में से एक सीट पर मौका दिया जा सकता है। भाजपा इस सीट में पिछले दो चुनाव लगातार हार चुकी है। भाजपा ने 2018 में ओमेन्द्रसिंह को मैदान में उतारा था।
Published on:
17 Oct 2023 07:25 am
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