
शादाब अहमद/कोटा. Rajasthan Assembly Election 2023: कोटा शहर के उत्तर में स्थित कुन्हाड़ी से मैंने प्रवेश किया, यहां मल्टी स्टोरी होस्टल व कोचिंग दिखे। जो कोटा शहर के उद्योग नगरी से कोचिंग सिटी में बदलने की कहानी बयां कर रहे थे। इससे कुछ आगे चंबल नदी पहुंचा तो नदी के दोनों ओर रिवर फ्रंट आकार लेता दिखा। हैरिटेज लुक का रिवर फ्रंट भविष्य में कोटा को पर्यटन नगरी बनाने की जद्दोजहद की ओर इशारा कर रहा है।
दरअसल, कोटा उत्तर उन विधानसभा क्षेत्रों में शुमार है, जहां पिछले साढ़े चार साल में विकास कार्यों पर सर्वाधिक बजट खर्च किया गया है। हालांकि कार्यों में तकनीकी खामियों की भरमार भी है। इस बारे में कुन्हाड़ी में हरिनारायण महावर कहने लगे कि सडक़ों, चौराहों, अंडरपास, फ्लाईओवर निर्माण व हैरिटेज रोड लाइट लगाने पर बेतहाशा पैसा खर्च किया गया है। पानी की कोई समस्या नहीं है। बिजली की आपूर्ति भी सामान्य है, रखरखाव के दौरान ही बिजली गुल होती है। बिजली का बिल साढ़े तीन-चार हजार रुपए का आता है। छूट के सवाल पर कहने लगे कि बुधवार रात को ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की है, देखो अब क्या होता है। वहीं चित्तौडगढ़़ रोड पर मिले सत्यनारायण शर्मा का कहना था कि सरकार ने कोटा को चमन कर दिया है। काम होगा तो उसमें कमियां निकलेंगी भी। महंगाई से राहत के सवाल पर सत्यनारायण हंसते हुए कहने लगे कि महंगाई से कहां राहत मिलेगी। किसी को गैस सिलेंडर 500 रुपए में दे रहे हो और किसी को 1100 रुपए में। सरकार घोषणा कर क्रेडिट लेना चाहती है, लेकिन राहत देने में भेदभाव कर रही है। सभी को एक समान 500 रुपए में सिलेंडर देना चाहिए।
यह भी पढ़ें : पहले बिलाड़ा से लोग निकले, अब सरकारी कार्यालय भी गए... पीछे रह गए जर्जर भवन
काईं भी न मिल्यो म्हाने तो
रिवर फ्रंट के समीप रहने वाले जमना बाई का कहना था कि बिजली में राहत देने का हमसे बोला था, हमें कार्ड भी दिए हैं, छूट आएगी, लेकिन हमें छूट नहीं मिली है (बिल दिखाते हुए)। हम बीपीएल में छै, शक्कर, दाल, आटा मिलने के साथ गैस में छूट देने की बात कही थी। अभी काईं भी न मिल्यो म्हाने तो। शहर में काम अच्छा हो रहा है, इससे नाम बढ़ेगा ही।
हर चौराहे का कायाकल्प
कोटा उत्तर के हर चौराहे और सडक़ का कायाकल्प किया गया है। नयापुरा चौराहे पर सडक़ के दोनों ओर के मकान व दुकानों को एक जैसा लुक दिया गया है। विवेकानंद जी की प्रतिमा को काफी ऊंचाई पर लगाया गया है। इसी तरह अंटाघर चौराहा, अदालत चौराहा को विकसित किया गया है। एमबीएस अस्पताल को भी हैरिटेज लुक दिया गया है।
यह भी पढ़ें : कभी तरसते थे....पानी आया तो निकास तंत्र गड़बड़ाया, जलभराव बड़ी समस्या
समस्या से जूझ रहा कोचिंग हब
बूंदी और बारां रोड पर कोचिंग हब तेजी से उभर रहे हैं। हालांकि यहां बेतरतीब और नियमों को धता बताते हुए भवनों का निर्माण समस्या को बढ़ा रहा है। सडक़ों की चौड़ाई भी कहीं कम और कहीं ज्यादा है। आगे बढ़े तो बारां रोड पर राकेश मित्तल से मुलाकात हुई। वे बोले, विकास अपनी जगह ठीक है, लेकिन बाहर से आने वाले बच्चों से हॉस्टल में किराए, खाने व परिवहन के नाम पर मनमानी भी खूब हो रही है। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। यह कोटा की छवि को खराब कर रहा है।
Published on:
02 Jun 2023 09:16 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
