
दो दशक से शहर का विस्तार तेजी से हुआ, इसका कारण तेजी से जनसंख्या बढऩा है। हाड़ौती के आसपास के गांव कस्बों के लोगों को संभाग मुख्यालय पानी, बिजली और शिक्षा की बेहतर व्यवस्थाएं होने के आकर्षित करता है। वर्ष 2001 में शहर की आबादी 6 लाख 94 हजार 316 के करीब थी। दस साल में यह बढ़कर 10 लाख से ज्यादा हो गई। यानी वर्ष 2011 तक जनसंख्या में 44.33 फीसदी का इजाफा हुआ, लेकिन शहर का विकास चारों ओर समान रूप से नहीं हो पाया।
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पटरी पार और नदी पार क्षेत्र उपेक्षित रहा। अब शहर के संतुलित विकास के लिए जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किए जा रहे हैं। नगर विकास न्यास ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहर में सड़क निर्माण, नई आवासीय योजनाएं, व्यवसायिक योजनाएं और जनसुविधाओं की कार्य योजना जोनल प्लान के आधार पर ही तैयार होगी।
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11 चरणों में बनेगा प्लान
पहले चरण में जोन की क्षेत्र सीमा का निर्धारण किया जाएगा। दूसरे चरण में योजना का आधारभूत मानचित्र और डाटा संग्रह का कार्य किया जाएगा। तीसरे चरण में राजस्व नक्शे, नगर निगम वार्ड, मुख्य संरचनाओं और भूमि के मूल टाइटल के हिसाब से रिपोर्ट बनाई जाएगी। चौथे चरण में आधारभूत मानचित्र के अनुसार भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
पांचवें चरण में नगर नियोजन विभाग की ओर से अंतिम जोनल डवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा। दस चरण पूरे होने के बाद अंतिम चरण में अंतिम जोनल डवलपमेंट प्लान का राज्य स्तरीय भू उपयोग समिति के समक्ष पेश होगा। इसके बाद इसका प्रकाशन किया जाएगा।
इसके बाद निर्माण और विकास से जुड़े कार्यों की कार्य योजनाएं बनाई जाएंगी। विभिन्न सुविधाओं का विकास संतुलित तरीके करने के लिए शहर को जोन में बांटकर विकास किया जाएगा, ताकि किसी क्षेत्र की उपेक्षा नहीं हो सके।
Published on:
12 Mar 2018 11:21 am
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