
कोटा.
रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकाण्ड मामले में कोटा की एससी एसटी अदालत के न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने मुख्य आरोपित अंकुर पाडिय़ा को फांसी की सजा से दण्डित किया। अंकुर के भाई अनूप पाडिय़ा को उम्रकैद, महावीर को 4 साल व करणजीत सिंह को 2 साल की सजा से दण्डित किया है। सवा 300 पेज से अधिक का फैसला सुनाया। फैसले के वक्त कोर्ट में रुद्राक्ष के माता-पिता व अन्य परिजन भी मौजूद रहे। उन्होंने फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि उन्हें यही उम्मीद थी। कोर्ट में फैसले के वक्त काफी गहमागहमी थी। कोटावासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
मां-बाप की जुबानी
पिता बोले कोर्ट के फैसले से में संतुष्ट हूं यह एकदम सही फैसला है। आज हमारे बच्चे को न्याय मिला है।
माता बोली आज यह जो न्याय मिला है यह सबके लिए न्याय है। हम सब लोग भी यही चाहते थे कि इसको सजा मिले और इसको पता चले कि किसी के बच्चे को मारने पर उसके मां-बाप को कितना दु:ख घुट-घुट कर मरना क्या होता है। हमारा बच्चा तो वापस नहीं आएगा पर अब किसी और का बच्चा नहीं जाएगा।
क्या है रुद्राक्ष हत्या कांड मामला
जवाहर नगर थाना क्षेत्र स्थित तलवंडी से 9 अक्टूबर 2014 की शाम 8 वर्षीय बालक रुद्राक्ष हांडा का पार्क से अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद एक व्यक्ति ने उसके घर पर बैसिक फोन पर फोनकर 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। इस संबंध में बालक के पिता पुनीत हांडा ने जवाहर नगर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने बालक की तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के आधार पर बालक का अपहरण करने वाली कार का पता चला था। इस पर जब पुलिस ने आरोपित की तलाश की तो वह बालक को तालेड़ा क्षेत्र स्थित जाखमुंड नहर में फेंक गया। जहां से 10 अक्टूबर की सुबह उसका शव बरामद हुआ था।
Published on:
26 Feb 2018 07:50 pm
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