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प्रदेश का कायापलट देखना है तो 10-15 साल चाहिए: वसुंधरा राजे

किराड़ क्षत्रिय महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन में राजस्थान की CM वसुधरा राजे मुख्य अतिथि और अध्यक्षता एमपी CM शिवराज सिंह चौहान ने की।

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कोटा

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abhishek jain

Feb 25, 2018

राजस्थान की CM वसुधरा राजे

कोटा। किराड़ क्षत्रिय महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को रंगबाड़ी स्थित धरणीधर गार्डन में आयोजित हुआ। इसमें राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधरा राजे मुख्य अतिथि थीं और अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। कार्यक्रम में दोनों मुख्यमंत्रियों ने अपनी उपलब्धियां बताई। पहले चौहान ने संबोधित किया।

उन्होंने मध्यप्रदेश की सरकारी योजनाएं गिनाई और खुद के राजनीतिक जीवन का वृतांत सुनाया। इसके बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि यदि प्रदेश में विकास की दृष्टि से पूरी तरह कायापलट देखना है तो हमें 10-15 साल का समय तो चाहिए। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को लगातार 15 साल का समय मिला है। हमें पांच साल का ही समय मिला है, फिर भी जो कुछ हो सका वह किया। इस साल लघु और सीमान्त किसानों के ऋण माफ करने के साथ राज्य को लगान मुक्त कर दिया है। अब किसानों पर कोई कर नहीं लगेगा।

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उन्होंने कहा, जयपुर , उदयपुर और कोटा में हुए ग्राम के आयोजनों के बाद काफी एमओयू हुए हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने राज्य को उन्हें बहुत ही जर्जर हालत में सौंपा था। साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्जा था। चाढ़े साल में वित्तीय स्थिति में सुधार करके कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया। इससे करीब 16 हजार करोड़ का भार आएगा। किसानों के ऋण माफ करने पर करीब 8 हजार करोड़ व्यय होंगे।

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आगे बढऩे के लिए खुद को सक्षम बनाओ: चौहान

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, यदि दुनिया में आए हैं तो कुछ अच्छा काम करना चाहिए। वहीं सफल होने के लिए खुद को सक्षम बनने की जरूरत है। मुझे आगे बढऩे की प्ररेणा अपनी मां से मिली। मां हमेशा यदि कहती थी जब दुनिया में आए हैं तो कुछ खास काम करने की पहल करो। उन्होंने समाज को नशामुक्त करने का संकल्प लेने और प्रदेश और देश की सेवा के लिए कार्य करने की बात पर भी जोर दिया।

वहीं कहा, समाज के मेधावी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियेां के लिए महासभा को कोचिंग की नि:शुल्क व्यवस्था करने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा, अन्याय खिलाफ पहली लड़ाई अपने घर से शुरू की। श्रमिकों को कम मजदूरी दिए जाने पर आंदोलन किया है, इस बात पर उनके चाचा ने उनकी पिटाई भी लगाई थी।