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धारा 20 ने अटकाई 40 गांवों में सहकार आजीविका योजना

- अभयारण्य क्षेत्र में भूमि रहन नहीं होने से किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ- योजना में मिल रहा है 2 लाख रुपए का ऋण बगैर ब्याज

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धारा 20 ने अटकाई 40 गांवों में सहकार आजीविका योजना

धारा 20 ने अटकाई 40 गांवों में सहकार आजीविका योजना

रावतभाटा. ग्रामीण क्षेत्र के लिए राज्य सरकार की बिना ब्याज की सहकारी आजीविका योजना धारा 20 की वजह से अटक गई है। योजना के तहत ग्रामीणों को आजीविका के लिए 2 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाना है, लेकिन वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की जद में आने से फिलहाल इन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के तहत मकान, दुकान का पट्टा या कृषि भूमि की आवश्यकता होती है जो बैंक के पक्ष में रहन रखी जानी है। 40 गांवों के किसान अपनी जमीन रहन नहीं रख सकते, इससे वह फिलहाल योजना से वंचित रहेंगे।
थमा 40 गांवों के लोगों का विकास
रावतभाटा क्षेत्र के भैंसरोडगढ़ और जवाहरसागर अभयारण्य क्षेत्र के 40 गांव के किसान बैंक और सहकारी समितियों से ऋण नहीं मिलने के कारण ब्याजखोरों के जाल में फंसते जा रहे हैं। इन गांवों में पिछले 13 साल से विकास भी अटका हुआ है। यहां न नया स्कूल बन सकता है और न ही अस्पताल। यही नहीं नया कोई भी सरकारी भवन, ग्रिड स्टेशन, सड़क के लिए वन विभाग की अनुमति आवश्यक होती है जो एक जटिल एवं लंबी प्रक्रिया है। यह सब दंश लोग झेल रहे हैं वन्यजीव अभयारण्य की धारा 20 के कारण। लोगों ने ऐसी कल्पना ही नहीं की थी कि जिस नियम से किसानों को सरकार पूरे देश में ऋण दे रही है, वह नियम भैंसरोडगढ़, जवाहरसागर वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र में रह रहे 40 गांवों के किसानों और लोगों पर लागू नहीं होंगे। किसान यहां अपनी जमीन पर खेती करने के लिए ऋण नहीं ले सकते हैं। किसी भी परिवार पर आर्थिक संकट या आपदा आ जाए, तो वह अपना खेत न गिरवी रख सकेगा न बेच सकेगा। 40 गांवों में पक्की सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल को मंजूर कराने के लिए वनविभाग की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वन्यजीव अभयारण्य अधिनियम 1972 में बना, लेकिन इसे 13 साल पहले 2012 में क्षेत्र में लागू किया गया। बॉर्डर की जमीन बिकने एवं रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य के आसपास की जमीन का व्यवसायिक उपयोग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने प्रदेश के 32 वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में यह प्रतिबंध लागू किया था।
क्या है धारा 20
धारा 20 में वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की किसी भी भूमि का बेचान नहीं किया जा सकता। साथ ही गिरवी रखना या उपहार में भी नहीं दी जा सकती।
इन गांवों में है धारा 20 का प्रतिबंध
रावतभाटा के भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में पाड़ाझर, सेटलडैम, चेनपुरा, लसाणा, झूंझला, हेमपुरा, लुहारिया, सुठाला, बखतपुरा, हथौली, मोरटुका, नली, खेड़ा, बहेलिया, कोलगढ़, खालगांव, जैपुरिया, सादड़ा, रामनगर, गणेशपुरा, उदपुरिया, प्रेमपुरा, दरीबा, भवानीपुरा, बीड़कालाखेत, उदपुरा में प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके अलावा जवाहरसागर अभयारण्य के आंबा, नासेरा, खालगांव, भूंजरखुर्द, श्रीपुरा, सणीता, जावराकलां, मोतीपुरा, नीमका खेड़ा, दौलतपुरा, जगपुरा, बालापुरा, मंदारचौक के अलावा जवाहरसागर गांव भी इसमें शामिल हैं।