10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

#sehatsudharosarkar डाक्टर साब पिताजी बन गए, अस्पताल लावारिस हो गया

अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ लगी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन हालातों में भी केन्द्रों की सुध नहीं ले रहे है।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Deepak Sharma

Sep 14, 2017

खाली पडा चिकित्सक कक्ष

खाली पडा चिकित्सक कक्ष

कोटा . शहर में इन दिनों मौसमी बीमारियों ने कहर बरपा रखा है। लोग मर रहे हैं, बड़े से लेकर छोटे अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ लगी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन हालातों में भी केन्द्रों की सुध नहीं ले रहे है। चिकित्सकों की छुट्टी होने पर चिकित्सा विभाग ने केन्द्रों पर वैकल्पिक तौर पर कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है। इस कारण मरीजों को बिना दिखाए बैरंग लौटना पड़ा। जबकि एक केन्द्र पर दवा नहीं मिली तो दूसरे पर हेल्पर दवा बांटता मिला।

Read More : डेंगू ने छीनी स्टूडेंट की मुस्कुराहट, बुझा दिया गया एक घर का चिराग

ये मिले हाल

सुबह 9 बजे @ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बोरखेड़ा

ये मिली स्थिति : ग्रामीण पुलिस लाइंस से आए मरीज किशन सिंह ने बताया कि उन्हें तीन दिन से खांसी है। वे चिकित्सक को दिखाने के लिए आ रहे है, लेकिन तीनों बार चिकित्सक नहीं मिले। उन्होंने सवाल उठाया कि यहां कार्यरत चिकित्सक कभी मरीजों को देखते ही नहीं है। कोई बीमार व्यक्ति आता है। सीधे दवा काउंटर पर भेज दिया जाता है। वहां बीमारियों के बारे में पूछकर दवाई दे दी जाती है। जब चिकित्सक के बारे में पूछा तो पता चला कि चिकित्सक मनोज नागर पितृत्व अवकाश पर हैं। यहां कार्यरत कार्मिक दवाइयां लेने सीएमएचओ ऑफिस नहीं गए। इस कारण केन्द्र पर 15 दिन से खासी, जुकाम व एंटीबायोटिक दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।

औसत आउटडोर : प्रतिदिन 100 से 150 मरीज आते हैं।
----

इनका यह कहना
केन्द्र पर चिकित्सक छुट्टी पर चल रहे है। वह 15 दिन की छुट्टी पर है। वैकल्पिक तौर पर चिकित्सक लगाने के लिए सीएचएचओ ऑफिस में लिखा हुआ है। कुछ दिनों से खांसी, जुकाम व एन्टीबायोटिक दवाइयां नहीं है। इस कारण मरीजों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे है। एक कार्मिक को भेजकर आज ही दवाइयां मंगवाएंगे।

अनिता, एलएचवी

सुबह 11.30 बजे @ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इन्द्रागांधी नगर

ये मिली स्थिति : मरीज ममता बाई ने बताया कि वे कमर दर्द की दवा लेनी के लिए केन्द्र पर आई थी। यहां चिकित्सक नहीं मिले। हेल्पर ही दवा काउंटर पर बैठा था। उसी ने दवा दी। चिकित्सक की मां की अचानक तबीयत खराब होने के कारण वे केन्द्र से चली गई। चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीज चिकित्सक का इंतजार कर रहे है। चिकित्सक नहीं आएंगे तो बिना दिखाए चले जाएंगे। मरीज धर्मसिंह ने बताया कि वे अस्पताल में ममता कार्ड बनवाने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें चक्कर कटवाया जा रहा है। पहले गोविंद नगर, फिर विज्ञाननगर, इन्द्रागांधी नगर जाने के कहा। सुबह से ही चक्कर लगाते हो गए है, लेकिन कोई संतुष्ठिपूर्ण जवाब नहीं दे रहा है। यहां आए तो चिकित्सक नहीं मिले।

औसत आउटडोर : प्रतिदिन 100 से 150 मरीज आते हैं।

इनका कहना है
केन्द्र पर कार्यरत चिकित्सक डॉ. रीना कौशिक की मां की अचानक तबीयत खराब हो गई। इस कारण वे केन्द्र से चली गई। वे खुद ही पूरे अस्पताल को संभाल रही है। आज टीकाकरण होने के कारण महिलाओं की भीड़ लगी है। अन्य कार्मिक नहीं होने के कारण दवा काउंटर पर हेल्पर को बैठा रखा है। वह हमसे ही पूछकर मरीजों को दवा दे रहा है।

मंजू रानी, एएनएम, इन्द्रा गांधीनगर