कोटा। विज्ञान की दुनिया में आस्था के चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक मामला कोटा जिले के सांगोद कस्बे के पास के गांव में सामने आया है। घर में घुसे सांप को जब लोग मारने लगे तो एक वृद्धा ने उसे यह कहकर बचाया कि यह उसका मरा हुआ बेटा है, जो सांप के रूप में लौट आया है। दो दिन से सांप महिला के आसपास घूम रहा है। महिला उसे उठाकर गले में डाल लेती है तो कभी पकड़कर दुलारती है। आसपास के गांवों में इस घटना की चर्चा है।
सांगोद क्षेत्र के रसकपुरिया निवासी राजूलाल बैरवा ने बताया कि बुधवार सुबह घर के अंदर काला सांप नजर आया। डर के मारे उसे मारने की कोशिश की तो मां बादाई बाई (65) ने रोक दिया। मां ने सांप के हाथ जोडकऱ कहा कि परिवार का कोई देवता है तो रुक नहीं तो घर से बाहर चला जा। जब सांप नहीं हिला तो मां नीचे सांप के पास बैठ गई। फिर दोबारा पूछा कि मेरा बेटा है तो गोद में आकर बैठ जा। इसके बाद सांप मां की गोद में आकर बैठ गया। काफी देर तक रुककर पास ही कंडों के ढेर में चला गया।
मंगलवार सुबह घर के पास ही नाली में ग्रामीणों ने सांप को देखा तो उसे मारने के लिए दौड़े। मां ने देखा तो वह दौडकऱ सांप को उठाकर घर ले आई। यह देख ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। मां ने सांप को चबूतरे पर कपड़ा बिछाकर छोड़ दिया। वह काफी देर वहां बैठा रहा और बाद में पास ही पत्थरों के ढेर में घुस गया। राजूलाल ने बताया कि 18 साल पहले बड़े भाई हंसराज (24) की पार्वती नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई थी। मां व परिजन सांप को उसका पुर्नजन्म मान रहे हैं।
सांप जहरीला नहीं
स्नेक कैचर विष्णु शृंगी व गोविन्द शर्मा ने बताया कि वीडियो और फोटो में दिखाई देने वाला सांप बैरड वुल्फ प्रजाति का है। हाड़ौती में इस प्रजाति का सांप बहुत कम दिखाई देते हैं। इसका रंग काला व शरीर पर पीली व सफेद पट्टी होती है। यह स्वभाव से आक्रामक, लेकिन विषहीन है। इसका मुख्य आहार छिपकली व मेंढक़ होते हैं, जिन्हें खाने के लिए कई बार यह घरों में घुस आता है।