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सावधान ! भुजंग हो गए ‘ दबंग’ …यक़ीन नहीं तो पढ़िए ये खबर

खतरा देखकर देते हैं दंश...

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कोटा

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Suraksha Rajora

Apr 26, 2019

Snake terror in kota are poisonous Cases of snakebite Many species,

सावधान ! भुजंग हो गए ' दबंग' ...यक़ीन नहीं तो पढ़िए ये खबर

कोटा. जीवों को सताना इंसानी फितरत में शमिल रहा है, जबकि कोई भी जीव जब तक उसकी सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होता, तब तक वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। बात रेंगने वाले जीव सर्पों की हो रही है। कारण, करीब छह माह अपने घरों में छुट्टियां बिताकर भुजंग 'दबंगÓ होकर निकल रहे हैं। इसके साथ ही सर्पदंश के मामले आने लगे हैं।

आमतौर पर ये किसी को बेवजह छेड़ते नहीं हैं, पर कोई इन्हें छेड़ देता है तो ये उसे छोड़ते नहीं। सर्प विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी जानवर हो वह जब तक हमला नहीं करता, जब तक कि उसे खतरा नहीं हो। विशेषज्ञों के अनुसार रेप्टेलिया वर्ग के जीव सर्दी में शीत निष्क्रियता में चले जाते हैं।


क्या है शीत निष्क्रियता

रेप्टेलिया वर्ग के जीव कोल्ड ब्लडेड कहलाते हैं। ये सर्दी की शुरुआत के साथ ही ये तापमान को मैंटेन रखने के लिए अक्टूबर-नवम्बर में बिलों में प्रवेश कर गहराई में चले जाते हैं। आमतौर पर दीपावली के आस-पास बिलों में प्रवेश करते हैं और होली के बाद बाहर आना शुरू होते हैं। इसके मध्य ये निष्क्रिय रहते हैं। यहां तक कि भोजन भी ग्रहण नहीं करते। शरीर में जमा चर्बी से ही इन्हें ऊर्जा मिलती है। जैसे ही गर्मी शुरू होती है, ये वापस बिलों से बाहर निकल आते हैं। इस दौरान इनकी विष ग्रथिंयों में काफी विष भर जाता है।

कई प्रजातियां, सभी विषैली नहीं
हाड़ौती क्षेत्र में विषैले व विषहीन दोनों ही तरह के सर्प पाए जाते हैं। प्रो. विनोद महोबिया सर्प एवं मानव कल्याण के निदेशक विनीत महोबिया के अनुसार हाड़ौती में दोनों की तरह के सर्प हैं, इनमें इंडियन कोबरा, इंडियन क्रेट, रसेल वाइपर करैत, सॉ.स्केल्ड वाइपर समेत कुछ प्रजातियांें के सर्प विषैले हैं, वहीं विषहीन सर्पों की प्रजातियों में कॉमन वर्म स्नेक, इंडियन रॉक पाइथन, कॉमन सैंड बोआए, एरिक्स जोहनी, बांडेड कूकरी, धारीदार कीलबैक, ग्रीन कीलबैक, चेक नुमा कीलबैक, ट्रिंकेट स्नेक, एरैट स्नेक, धामण समेत अन्य प्रजातियां हैं।


गर्मी में हो जाते हैं सक्रिय

रेप्टेलिया वर्ग के प्राणी गर्मी पसंद नहीं होती, शीत निष्क्रियता के बाद इन्हें ठंडी जगहों पर भोजन की तलाश रहती है। इसके चलते एेसी जगहों पर जाते हैं, जहां चूहे, बिल्ली, छिपकली, मेंढक मिल सकें। सर्प इन दिनों अपना जोड़ा बनाने की तलाश में रहते हैं। इन स्थितियों में इन्हें लगता है कि कोई इन्हें क्षति पहुंचाएगा तो ये डंस लेते हैं।

ये रखें सावधानियां
घर के आस-पास साफ-सफाई रखें। कचरे का ढेर न लगने दें। घर की नींव, शौचालय, एयरलॉन या घर आंगन में कहीं कोई छेद या गड्ढा हो तो उसे बंद कर दें। घर के आस-पास कहीं दलदल, पानी भरा हो या कहीं नमी हो तो उसे बंद कर दें। अंधेरी खोह, नाली हो तो उस पर जाली लगाएं। आलमारी, वाहन की डिग्गी को खोलते समय सावचेत रहें। पत्थर ईंटों के ढेर के आस-पास न बैठंे।


आने लगे हैं केस

महोबिया बताते हैं कि पिछले दिनों से हर दो-तीन दिन में एक दो सर्पदंश से पीडि़त आ रहे हैं। इनमें शहरी व ग्रामीण इलाकों से पीडि़त आ रहे हैं। हाल ही मंडाना, इन्द्रगढ़ समेत अन्य जगहों के मामले आए हैं।

काटें तो क्या करें
सर्प या किसी कीड़े के काटने पर घबराएं नहीं, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। झाडफ़ूंक व जहर उतर जाने का इंतजार न करें। संभव हो तो सर्प का फोटो लें, ताकि उसकी पहचान आसानी से हो सके।