
खाकी पर दाग : अवैध शराब की बंधी बंद होने के डर से अपने ही साथी को करवा दिया लाईन हाजिर
कोटा. शहर के अनन्तपुरा थाने ने शहर पुलिस अधीक्षक की आंखों में भी धूल झोंक दी। अजय हत्याकांड के बाद गोबरिया बाबड़ी इलाके में तेजी से बढ़ रहे जरायम पेशे की नकेल कसने और अपराधियों की हरकतें भांपने में नाकाम रहने की गाज कांस्टेबल रविंद्र पर गिरी। एसपी ने उसे रविवार को लाइन हाजिर कर दिया, लेकिन चौंकाने वाला दावा यह कि इस बीट का इंचार्ज कांस्टेबल सीताराम निकला।
शनिवार रात गोबरिया बावड़ी स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में देशी शराब के ठेकेदार जितेंद्र गिरी उर्फ जीतू टेंशन के 17 वर्षीय बेटे की सरेआम हत्या कर दी गई। इसे बीट इंचार्ज की लापरवाही मानते हुए शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जब अनन्तपुरा थाने के सीआई नरेंद्र कुमार पारीक से बीट इंचार्ज की जानकारी मांगी तो उन्होंने कांस्टेबल रविंद्र कुमार का नाम एसपी दफ्तर भेज दिया। एसपी दफ्तर ने भी बिना जांच किए थाने से भेजे गए रविंद्र के नाम को सही मानते हुए रविवार को उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर करने के आदेश जारी कर दिए।
ऐसे फूटा भांड़ा
रविंद्र कुमार को जब अपने खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी मिली तो वह चौंक गए। इसे लिपिकीय त्रुटि मान उसमें सुधार कराने के लिए सोमवार को वह एसपी सिटी के दफ्तर भी गए, लेकिन वहां से रविंद्र को यह कह कर टरका दिया गया कि उसका नाम तो थाने से ही भेजा गया था। रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों लिखित में भी दिया कि गोबरिया बावड़ी के बीट अधिकारी कांस्टेबल सीताराम हैं। अक्टूबर 18 से ही उनकी बीट बदलकर अनन्तपुरा कर दी गई थी। हत्या के समय वह अपनी बीट में गश्त पर थे, लेकिन उसके बाद भी हर जगह उन्हें अनसुना कर दिया गया।
सीआई का दावा कुछ और
जब अनन्तपुरा सीआई नरेंद्र कुमार पारीक से बात की गई तो उन्होंने कांस्टेबल रविंद्र कुमार को ही गोबरिया बावड़ी का बीट इंचार्ज बताया, लेकिन जब कांस्टेबल सीताराम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गोबरिया बावड़ी ही नहीं, जिस जगह अजय गिरी की हत्या हुई, उस इलाके के बीट इंचार्ज वहीं हैं। इतना ही नहीं रविंद्र कुमार के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि वह तो अनन्तपुरा बीट के इंचार्ज हैं।
कहां गया बुधराज गुर्जर
जीतू टेंशन ने बताया कि उन्होंने बुधराज गुर्जर और दीपू समेत सात लोगों पर अपने बेटे की निर्ममता से हत्या करने का आरोप लगाया था। करीब दस दिन पहले भी बुधराज गुर्जर उसके ऊपर जानलेवा हमला कर चुका था और अनन्तपुरा पुलिस ने मामले को रफा दफा करने के लिए उसका सिर्फ शांति भंग में चालान कर छोड़ दिया था। अजय की हत्या के बाद भी पुलिस ने सबसे पहले बुधराज को ही गिरफ्तार किया था, लेकिन मंगलवार शाम को जब हत्यारोपितों को जेल भेजा गया तो उसमें बुधराज का ही नाम गायब था। अजय के पिता कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि आखिर पुलिस को ऐसे कौन से सबूत मिल गए जिसके चलते उसने बुधराज को निर्दोष साबित कर दिया।
यह कहना मुश्किल कौन किस बीट का इंचार्ज
बीट इंचार्ज बनाना थाने की अंतरिम व्यवस्था है। इसके लिए कोई लिखित आदेश नहीं निकला जाता। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कौन कांस्टेबल किस बीट का इंचार्ज है। मेरे मुताबिक कांस्टेबल रविंद्र कुमार ही गोबरिया बाबड़ी बीट का इंचार्ज है। इलाके के काम वही देख रहा था, इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
नरेंद्र कुमार पारीक, सीआई, अनन्तपुरा थाना
अक्टूबर 18 के बाद से ही मैं अनन्तपुरा बीट का इंचार्ज हूं। गोबरिया बावड़ी के इलाके या इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है। उसके बाद भी मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई तो इसकी जानकारी मैने उच्चाधिकारियों को दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
रविंद्र कुमार, बीट इंचार्ज, अनन्तपुरा
गोबरिया बावड़ी बीट का इंचार्ज मैं हूं। रविंद्र अनन्तपुरा बीट का इंचार्ज है।
सीताराम, बीट इंचार्ज, गोबरिया बावड़ी
Published on:
05 Jun 2019 08:26 pm
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