
कोटा .
वन विभाग रामगढ़ अभयारण्य से बाघ टी-91 को मुकुंदरा हिल्स में शिफ्ट करने की जद्दोजहद में लगा हुआ है, लेकिन बाघ की शिफ्टिंग में रामगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियां रोड़ा बनती नजर आ रही है। प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के चलते बाघ टी-91 को ट्रेंकुलाइज कर मुकुंदरा शिफ्ट करना रेत के ढेर में सुई ढूंढऩे के समान नजर आ रहा है।
आलम यह कि रामगढ़ में ट्रैकिंग में जुटी टीम तक को बाघ नजर नहीं आ रहा है। बाघ की शिफ्टिंग की तैयारियों के तहत बाघ टी-91 की ट्रेकिंग करने के लिए भेजी गई टाइगर वॉच संस्था की टीम को भी दो दिन से बाघ नजर नहीं आया है। टीम के सदस्यों ने बाघ के खदान क्षेत्र या गुफाओं में चले जाने की संभावना जताई है।
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यह है शिफ्टिंग में रोडा
रामगढ़ के जंगलों में खुले मैदानों का अभाव है। यहां पहाड़ी क्षेत्र अधिक है। बाघ का पहाड़ी क्षेत्रों में मूवमेंट अधिक रहता है। इसके अतिरिक्त कई इलाकों में तो वाहनों के पहुंचने के लिए रास्ते तक नहीं है। ऐसे में विभाग को बाघ को टे्रंकुलाइज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नियमानुसार बाघ को शिफ्ट करने के लिए खुला मैदान होना आवश्यक होता है।
इसके अलावा रामगढ़ अभयारण्य में कई खदानें व कराइयां है, जहां बाघ के लिए शिकार व पानी की व्यवस्था भी है। ऐसे में बाघ के इन क्षेत्रों में जाने के बाद कई दिनों तक बाघ का मूवमेंट नहीं मिल पाता है।
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डब्ल्यूआईआई की टीम करेगी ट्रेंकुलाइज
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ को रणथम्भौर में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (डब्ल्यूआईआई) की टीम ट्रेंकुलाइज करेगी। टीम के एक दो दिनों में यहां पहुंचने की संभावना है। वहीं 31 मार्च तक बाघ को रणथम्भौर से मुकुंदरा शिफ्ट कर दिया जाएगा।
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इसलिए किया चयन
वन्यजीव विशेषज्ञों की माने तो विभाग को फिलहाल एक बाघ को जल्द ही मुकुंदरा शिफ्ट करना है। बाघ टी-91 बूंदी के रामगढ़ के जंगलों में है। ऐसे में कोटा के समीप होने के कारण और गर्मी में अधिक समय तक बाघ को बेहोश नहीं रखने के चलते विभाग की ओर से टी-91 का चयन किया गया है।
टी 95 की संभावना अधिक
बाघ टी 91 के ट्रेंकुलाइज नहीं होने की स्थिति में टी 95 को ट्रेंकुलाइज किया जाना प्रस्तावित है। सूत्रों के अनुसार टी 95 को ट्रेंकुलाइज करने की अधिक संभावना बनी
हुई है।
बाघ में बदलाव की संभावनाएं हैं
स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड कमेटी सदस्य धर्मेन्द्र खाण्डल ने बताया कि वन विभाग की ओर से फिलहाल एक बाघ शिफ्ट किया जाना है। इसको लेकर टी-91 की संस्था की ओर से ट्रेकिंग की जा रही है। इस बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में काफी परेशानियां होंगी। भौगोलिक परिस्थितियों के चलते बाघ में बदलाव की संभावनाएं भी हैं। टी-95 को भी शिफ्ट किया जा सकता है।
Published on:
28 Mar 2018 03:09 pm
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