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प्रति‍भावान बच्‍चों के सपने साकार करेगा सीएसआर

सीएसआर मद से होगी डॉक्टरी-इंजीनियरिंग की पढ़ाई, राजस्थान के मूल निवासी निर्धन परिवारों के बच्चों को मिलेगा लाभ

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कोटा

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Deepak Sharma

Nov 15, 2017

Talented children fulfill their dreams with CSR

Talented children fulfill their dreams with CSR

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के जो विद्यार्थी मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते उनके लिए अब सरकार सीएसआर से वित्तीय प्रबंध करेगी। राज्य सरकार कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्राप्त राशि से ऐसे परिवारों के बच्चों के सपने साकार करेगी। इसके लिए स्टूडेन्ट स्पोंसर प्रोग्राम शुरू होगा। इससे कोचिंग की पढ़ाई व आवास की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध हो सकेगी। खानपान के लिए भी भत्ता मिलेगा। आईआईटी में चयानित विद्यार्थी को मेरिट के आधार पर आईआईटी की पूरी पढ़ाई का खर्चा भी सीएसआर फंड से होगा। जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने बताया कि कोटा में इस साल करीब 127 बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग दिया जा रहा है। इसी को मॉडल बनाते हुए राज्य स्तर की योजना बनाई है। इसके लिए पोर्टल भी बनाई गई है, जिस पर पंजीकरण प्रक्रिया होगी।


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उद्योग विभाग के सचिव और कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसबिलिटी आयुक्त कुंजीलाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को टैगोर सभागार में इस मामले को लेकर बैठक हुई। इसमें विभिन्न कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों ने भाग लिया। इसमें स्टूडेन्ट स्पोंसर प्रोग्राम के बारे में चर्चा की गई। आयुक्त ने कहा, सभी कंपनियों को बचत का 2 प्रतिशत सीएसआर में खर्च करना होता है। राज्य सरकार अब निर्धन परिवारों के प्रतिभावान बच्चों के लिए सीएसआर में प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग करेगी।

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ऐसे मिलेगा लाभ
राजस्थान के मूल निवासी निर्धन परिवारों के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। विद्यार्थियों को राज्य सरकार के सीएसआर पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी प्रेषित करनी होगी। सचिव सीएसआर द्वारा कंपनियों, विभिन्न संस्थाओं से सीएसआर राशि का वितरण कॉलेज, कोचिंग संस्थानवार किया जाएगा। जिन विद्यार्थियों का चयन मेडिकल, इंजीनियरिंग के संस्थानों में हो जाएगा। उनकी फीस का पुनर्भरण भी सीएसआर मद से किया जा सकेगा।

कोटा से बाहर के उद्यम भी आगे आ रहे
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने बताया कि विद्यार्थियों की इस योजना में कोटा से बाहर के बड़े उद्योग भी रुचि ले रहे हैं। वंडर सीमेंट और हिंदुस्तान जिंक ने भी रुचि दिखाई है।