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अनदेखी से सेवन वंडर्स का वैभव पड़ रहा फीका

कोटा के सेवन वंडर्स पार्क को लॉकडाउन से पहले तक करीब 25 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। 12 सितम्बर 2013 को इसका काम पूरा हुआ था। पार्क में पत्थर के काम के लिए धौलपुर के कारीगर बुलवाए गए थे।

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कोटा. नगर विकास न्यास की ओर से शहर में एक हजार करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इनकी निगरानी भी बेहतर तरीके से हो रही है, लेकिन इस बीच पूर्व में विकसित किए पर्यटन स्थलों की अनदेखी हो रही है। इनमें से एक सेवन वंडर्स है। यहां सामान्य दिनों में रोज औसत १००० लोग इसका अवलोकन करने आते थे, कोरोना संक्रमण के कारण लम्बे समय तक यह पार्क बंद रहा। इसके बाद दोबारा इसे खोल दिया गया। पर्यटकों की संख्या पहले जितनी नहीं रही, लेकिन न्यास की ओर से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इस कारण यहां आने वाले लोग हालत देखकर निराश होते हैं। करीब ८ साल पहले सेवन वंडर्स पार्क का निर्माण हुआ था। यहां बनाए गए सात अजूबों की चमक भी न्यास की अनदेखी से फीकी पड़ती नजर आ रही है। न्यास सचिव राजेश जोशी ने बताया कि न्यास की सम्पत्ति और स्थलों की देखरेख के लिए अभियंता निरीक्षण करते हैं। सेवन वंडर्स के हालात को भी दिखवाया जाएगा।

एक जगह देख सकते हैं सात अजूबों की झलक
जब भी बात दुनिया के 7 अजूबों की होती है तो हर किसी के मन में ख्वाहिश होती है कि एक बार ही सही लेकिन इन अजूबों को तस्वीरों में नहीं बल्कि अपनी आंखों से देखा जाए। इसके लिए पासपोर्ट, वीजा के साथ ही काफी पैसों की भी जरूरत पड़ती है, लेकिन कोटा में इस सपने के पूरा होने की झलक दिखती है। दुनिया के इन सात अजूबों को कोटा में एक साथ देखा जा सकता है। कोटा के इस सेवन वंडर्स पार्क को लॉकडाउन से पहले तक करीब 25 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। 12 सितम्बर 2013 को इसका काम पूरा हुआ था। पार्क में पत्थर के काम के लिए धौलपुर के कारीगर बुलवाए गए थे। ताजमहल का प्रतिरूप बनाने के लिए आगरा से कारीगर आए थे।