कोटा. बाघ एमटी- 5 ने वन विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। मंगलवार को भी विभाग की टीमें बाघ को तलाशती रही, लेकिन न तो बाघ का पता चला न ही रेडिया कॉलर सिग्नल मिले। गत 3 नवम्बर की सुबह से बाघ के रेडियो कॉलर सिग्नल नहीं मिल रहे हैं न ही कोई संकेत सामने आ रहे हैं। इससे जंगल के साथ विभाग की टीम ने चंबल में भी बाघ को तलाशना शुरू कर दिया है।
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डारेक्टर बीजो जोय ने बताया कि मंगलवार को चंबल नदी क्षेत्र में बाघ को तलाशा गया। जोय के अनुसार अलग अलग क्षेत्रों में बाघ को सर्च किया जा रहा है।जानकारी के अनुसार 28 अक्टूबर की रात से रेडियो कॉलर जीपीएस फिक्सेज आना बंद हो गया था और 3 नवम्बर की सुबह से बाघ के रेडियो कॉलर सिग्नल नहीं मिल रहे हैं। 31 अक्टूबर को बाघ की डायरेक्ट साइटिंग हुई थी और दो दिन पहले 4 नवम्बर को बाघ के पगमार्क भी नजर आए थे। इसके बाद बाघ से सम्बिन्धत कोई विशेष सूचनाओं का पता नही चल रहा है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बाघ चंबल पार कर एक छोर से दूसरी ओर भी आता व चला जाता है, ऐसे में रेडियो कॉलर के खराब होने की भी आशंका है। सेल्जर में छोड़ने के बाद गत वर्ष बाघ ने चंबल को भी पार कर लिया था। मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ को रणथंभौर से लाकर मुकुन्दरा में शिफ्ट किया गया था। इसे सेल्जर क्षेत्र में छोड़ा गया था। यह बाघ अच्छा तैराक भी है। इसे सेल्जर में छोड़ने के बाद गत वर्ष बाघ ने चंबल को भी पार कर लिया था।