
विशिष्ट न्यायालय (एनडीपीएस मामलात) ने शुक्रवार को सुनाए एक फैसले में अफीम तस्करी के आरोपित को पांच वर्ष के कठोर कारावास व पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार माण्डलगढ़ पुलिस को जरिए मुखबीर टहला श्यामगढ़ रोड से फूलजी की खेड़ी के रास्ते से 25 अप्रेल 2011 को अफीम तस्करी होने की सूचना मिली। इस पर पुलिस जाप्ते ने लाडपुरा चौराहे क्षेत्र में नाकाबंदी की।
नाकाबंदी के दौरान श्यामगढ़ रोड की तरफ से आती एक मोटरसाइकिल को रूकवा कर उस पर सवार दो जनों से पूछताछ की। उनके संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर उनकी तलाशी ली गई। तलाशी में गोवटा निवासी पन्नालाल (55) पुत्र नंदा रेगर व सराणा निवासी लादू लाल (30) पुत्र कन्हैया लाल रेगर के कब्जे से कुल तीन किलो अफीम बरामद हुई। पुलिस ने तीनों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बरामदशुदा अफीम बेगूं के सिवानियां निवासी भंवर बणजारा से खरीदने की जानकारी दी।
पुलिस ने प्रकरण में अभियुक्त भंवर को भी गिरफ्तार करते हुए सभी तीन अभियुक्तों के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय में चालान पेश किया। प्रकरण की ट्रायल के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक प्रदीप अजमेरा ने अभियुक्तों के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए 8 गवाह व 22 दस्तावेज पेश किए। ट्रायल के दौरान अभियुक्त लादू रेगर की मृत्यु हो गई। विशिष्ट न्यायाधीश अजय शुक्ला ने प्रकरण में दोनों पक्ष सुनने के बाद शुक्रवार को अभियुक्त पन्ना रेगर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई, जबकि अभियुक्त भंवर के खिलाफ अपराध साबित नहीं हो सका।
Published on:
22 Jul 2016 06:34 pm
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