इस सचना पर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आरएसपी सिंह के निर्देशन में गठित टीम ने उनके निर्देशन में एक कांस्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा गया। जिसने कोटा से बड़ौदरा तक का टिकट बनाने को कहा तो दुकानदार कौशल ने उनसे 800 रुपए लिए और दोपहर में आने को कहा।
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दोपहर बाद उनके पास फोन आया कि टिक मिल गया। इस पर जब वे दुकान पर गए और उन्हें टिकट मिला तो उन्होंने कौशल को पकड़ा। उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि यह टिकट के पाटन से उसके दोस्त शैलेन्द्र सिंह को भेजकर बनवाया है। इस पर टीम ने कौशल व शैलेन्द्र दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफर कर लिया। साथ ही टिकट भी जब्त कर लिया।
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निरीक्षक प्रताप सिंह ने बताया कि कोटा से बड़ौदरा का टिकट 435 रुपए का थाी। जिसमें से कौशल ने 200 रुपए शैलेन्द्र को दिए और 165 रुपए स्वयं ने रख लिए थे। आगामी कार्यवाही के लिए दोनों को आरपीएफ पोस्ट के सुपुर्द कर दिया। गौरतलब है कि रेलवे में ऐसे टिकट दलालों का गिरोह सक्रिय है। यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर दोगुने दाम वसूलते हैं।