25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोटा में हर तरफ पानी ही पानी, फिर भी पानी का टोटा

कोटा. हाल ही हुई बारिश व बाढ़ का असर जलापूर्ति पर भी नजर आ रहा है। बारिश के पानी की आवक के बाद चंबल में गंदलापन (टर्बिडिटी) बढ़ गया है। इसका असर जल शोधन पर पड़ रहा है। विभाग पर्याप्त मात्रा में जल उत्पादन नहीं कर पा रहा है। आमतौर पर चंबल के पानी में 5 से 20 एनटीयू रहती है। बारिश के बाद यह बढ़कर 60-70 से 140-150 के करीब पहुंच गई है।

less than 1 minute read
Google source verification

कोटा

image

Deepak Sharma

Aug 09, 2021

कोटा में हर तरफ पानी ही पानी, फिर भी पानी का टोटा

चंबल में टर्बिडिटी बढ़ी, जल उत्पादन प्रभावित430 के स्थान पर 350 एमएलडी जल उत्पादन

कोटा. हाल ही हुई बारिश व बाढ़ का असर जलापूर्ति पर भी नजर आ रहा है। बारिश के पानी की आवक के बाद चंबल में गंदलापन (टर्बिडिटी) बढ़ गया है। इसका असर जल शोधन पर पड़ रहा है। विभाग पर्याप्त मात्रा में जल उत्पादन नहीं कर पा रहा है। आमतौर पर चंबल के पानी में 5 से 20 एनटीयू रहती है। बारिश के बाद यह बढ़कर 60-70 से 140-150 के करीब पहुंच गई है। जलदाय विभाग के अधीशासी अभियंता भारतभूषण मिगलानी ने बताया कि टर्बिडिटी बढऩे से अकेलगढ़ व सकतपुरा में जल उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

इस तरह से असर

रावतभाटा रोड स्थित अकेलगढ़ में आमतौर पर 300 एमएलडी जल का शोधन किया जाता है। पानी में गंदलापन बढऩे से उत्पादन करीब 50 एमएलडी कम हो रहा है। सकतपुरा स्थित मिनी अकेलगढ़ से 130 के स्थान पर 100 एमएलडी उत्पादन ही हो पा रहा है।

जलापूर्ति पर प्रभाव

टर्बिडिटी का प्रभाव तीन से चार दिन तक रहने की संभावना है। जल उत्पादन में कमी आने से जलापूर्ति प्रभावित रहने की आशंका रहेगी। मीणा के अनुसार रामपुरा, डीसीएम, श्रीरामनगर, बोरखेड़ा, प्रेम नगर, कैलाशपुरी, भदाना क्षेत्रों में कम दबाव के साथ जलापूर्ति की जाएगी। टर्बिडिटी में कमी अने पर जलापूर्ति समान्य कर दी जाएगी।