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UIT ने कोटा के सौन्दर्य के सपने दिखाकर बेदर्दी से तोड़े, अब सिर्फ तस्वीरों में ही दे‍खलो सौंदर्य…

नगर विकास न्यास ने सपने दिखाए पर पूरे नहीं किए।

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कोटा

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abhishek jain

Feb 24, 2018

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सी.ए.डी. चौराहे से घटोत्कच्छ चौराहे के बीच स्थित हरितिमा पट्टियों का 26.08 करोड़ से सौन्दर्यीकरण: प्रथम भाग में लोट्स पोण्ड, मिस्ट फाउन्टेन, फूडकोर्ट। द्वितिय भाग में राजस्थान के प्रसिद्ध किलों के प्रतिरूप, तृतिय भाग में हॉरर टनल, चतुर्थ भाग में जागिंग ट्रेक, मेडिटेशन सेन्टर, प्लेजोन पांचवे भाग में महापुरूषों की प्रतिमाएें बनाना प्रस्तावित है। द्रोणाचार्य सर्किल : झालावाड़ रोड पर गोबरिया बावड़ी के पास स्थित इस सर्किल पर गुरु द्रोणाचार्य, शिष्य अर्जुन एवं एकलव्य की प्रतिमाएं स्थापित होंगी। करीब

कोटा. निर्णय और नामकरण होने के आठ माह बाद भी नगर विकास न्यास विभिन्न चौराहों के सौंदर्यन को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया। कई में सिर्फ ड्राइंग खिंचने के अलावा कोई काम नहीं हुआ।
न्यास ने चौराहों का नामकरण विभिन्न समाजों के आराध्यों के नाम से करने और कई चौराहों के सौंदर्यन की योजना बनाई थी। चौराहों के नामकरण का निर्णय 16 मई 2017 को हुई न्यास मंडल की बैठक में किया गया। आठ माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इन चौराहों के सौंदर्यीकरण के कार्य पाइप लाइन में अटके हैं।
विश्वकर्मा नगर के पास स्थित सर्किल का नामकरण विश्वकर्मा सर्किल किया जा चुका है, अब इस चौराहे का सौंदर्यन किया जाना है, लेकिन योजना अभी कागजों से बाहर नहीं आई। इसी तरह खड़े गणेश मंदिर के पास वाले चौराहे का नाम धरणीधर चौराहा किया गया, लेकिन इसका भी विकास अधूरा है। इनके अलावा भी कई चौराहों और पार्कों का विकास प्रस्तावित किया गया। इनकी योजना और ड्राइंग भी बनाई गई, लेकिन अरमान मूर्त रूप नहीं ले पाए।
नगर विकास न्यास अध्यक्ष आर.के. मेहता का कहना है कि न्यास की ओर बनाई गई चौराहों के सौंदर्यीकरण और विकास की सभी योजनाएं मूर्त रूप लेंगी। कुछ जगह कार्य शुरू हो गया है और शेष कार्य पाइप लाइन में है। बजरी की आवक शुरू होते ही कार्य शुरू होंगे।