
Mukundra Tiger
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में तीन दिन स्वच्छंद विचरण के बाद बाघिन एमटी-8 ‘कनकटी’ की घर वापसी हो गई। बाघिन कुछ दिन पहले एनक्लोजर से निकलकर बाहर आ गई थी। विशेषज्ञों की टीम ने अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन को ट्रंकुलाइज कर फिर से 82 वर्ग किलोमीटर के एनक्लोजर में छोड़ दिया।
बाघिन एमटी-8 रणथंभौर टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध ‘ऐरोहेड’ की संतान है। रणथंभौर में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना के बाद उसे मुकुंदरा रिजर्व के 82 वर्ग किमी के संरक्षित एनक्लोजर (दरा रेंज) में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन 9 दिसम्बर को वह एनक्लोजर से बाहर निकलकर सड़क पर विचरण करती दिखी थी।
इसलिए किया ट्रंकुलाइज
एनक्लोजर से निकलने के बाद बाघिन क्षेत्र में मूवमेंट करती रही। पहले अमझार गांव की दिशा में गई। इसके बाद वह झामरा वेली क्षेत्र की ओर मूव कर गई। इस दौरान उसके मूवमेंट की निगरानी रेडियो टेलीमेट्री से निरंतर की जा रही थी। फील्ड टीमें अलर्ट पर रहीं। बाघिन का मूवमेंट कई बार रेलवे लाइन तथा कोटा-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-52) के नजदीक रहा, जो बाघिन और आमजन दोनों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता था।
सुरक्षित स्थान को देख किया ट्रंकुलाइज
विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघिन को अनुकूल स्थान पर आने के बाद ही ट्रंकुलाइज किया जा सकता था, इसे देखते हुए टीम अनुकूल स्थान पर आने का इंतजार कर रही थी। गुरुवार को बाघिन सुरक्षित स्थान पर पहुंची तो ट्रंकुलाइज किया गया। मौके पर ही उसका प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
बाघिन सुरक्षित है। उसकी निरंतर निगरानी की जा रही है। एनक्लोजर की सुरक्षा एवं फेंसिंग की कमियों को दूर कर रहे हैं। ट्रैकिंग टीमें आने वाले दिनों में भी सघन निगरानी जारी रखेंगी।
- सुगनाराम जाट, फील्ड डायरेक्टर, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व
Updated on:
11 Dec 2025 07:43 pm
Published on:
11 Dec 2025 07:40 pm
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