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Ukraine-Russia war : भारतीय विद्यार्थियों की मार्मिक पुकार, हमारी मदद करो

कीव व विन्नित्स्या में फंसे भारतीय छात्र बोले

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Ukraine-Russia war : भारतीय विद्यार्थियों की मार्मिक पुकार, हमारी मदद करो

Ukraine-Russia war : भारतीय विद्यार्थियों की मार्मिक पुकार, हमारी मदद करो

कोटा. रूस ने यूक्रेन के कीव व विन्निात्स्या में बमबारी शुरू कर दी। इससे यक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के विद्यार्थी भय की स्थिति में आ गए। सभी इधर-उधर बंकरों में छिपकर भूखे-प्यासे अपनी जान बचाने में लगे हैं। इससे भारत में उनके परिजन व मित्र भी चिंतित हैं। एक शिकायत लोक शिकायत विभाग के पोर्टल के एक्सटर्नल अफेयर्स विभाग में अपील भी दायर की है। इसमें बताया कि वे सभी भारतीयों को यूक्रेन से बाहर निकालकर भारत लाएं। वहां फंसे छात्रों में कोटा से शिक्षा प्राप्त कर चुके विद्यार्थी भी शामिल हैं।


तीन दिन से बंकर में छिपे
कोटा में पढ़ाई कर चुके मध्यप्रदेश के बुढार निवासी रिषी त्रिपाठी ने शनिवार तड़के 5.30 बजे सोशल मीडिया के जरिए अपने दोस्त विनिय सिंह को ट्वीट किया। उसने बताया कि विन्नित्स्या में तीन दिन से वे लोग एक बंकर में छिपे हुए हैं। अब वहां स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि उन्हें जल्द से जल्द भारत पहुंचाया जाए। ऐसा सुनने में आ रहा है कि रूस आज रात यूक्रेन के कीव पर कब्जा कर लेगा।

खुद के स्तर पर ही संसाधन करने पड़ रहे
कोटा में पढ़ाई कर चुके छतीसगढ़ निवासी कफिल ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि कीव में बमबारी हो रही है। इससे वे घबराकर जैसे-तैसे अपने स्तर पर संसाधन कर वहां से बाहर निकल ट्रेन के जरिए दूसरी जगह शरण लेने जा रहे हैं। एम्बेसी भी उनकी मदद करने में असमर्थ है। वे रातभर बंकर में छिपे रहे। उसने भारतीय दूतावास से अपील की है कि वे भारतीय छात्रों को बाहर निकालकर भारत पहुंचाएं।


700 भारतीय छात्रों को बसों से रोमानिया पहुंचाया
यूक्रेन के इवानों में फंसे 700 भारतीय छात्रों को भारतीय दूतावास के जरिए यूनिवर्सिटी के माध्यम से बसों से रोमानिया पहुंचाया। बूंदी के चर्मेश शर्मा ने इवानों में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए राष्ट्रपति सचिवालय में अपील की थी। उसके बाद मदद का कार्य शुरू हुआ।


यहां फंसे भारतीय विद्यार्थी
जेफ्रोजिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में करीब 1500 भारतीय छात्र फंसे हैं। इसमें हाड़ौती के बारां व खानपुर के छात्र भी शामिल हैं। इसके अलावा कीव में फंसे भारतीय छात्रों को भी मदद नहीं मिल पा रही है। उन्हें भारतीय दूतावास के जरिए बताया गया है कि उनको बाहर निकालने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं, पूरी वोको यूनियन यूनिवर्सिटी को खाली करवा लिया है। 580 भारतीय छात्र सड़क पर हैं। उन्हें रोमानिया बॉर्डर पर लाने की तैयारी चल रही है।


35 किमी पैदल चले, वापस पहुंचाया
हाड़ौती की एक छात्रा ने बताया कि लवीव यूनिवर्सिटी में 80 विद्याथियों को रात को 35 किमी दूर तक चलकर पौलेंड बॉर्डर पर पहुंचना था, लेकिन वे किसी और जगह पहुंच गए। बाद में उन्हें बताया गया कि उनके लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में उन्हें वापस उसी यूनिवर्सिटी में आना पड़ा।

कोटा पहुंची बेटी बोली : बंकर व मेट्रो स्टेशन पर छिपकर जान बचाई
आरटीयू में उपकुलसचिव दिवाकर जोशी की पुत्री धृति जोशी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई रही है। वह शनिवार को कोटा पहुंची। यहां माता-पिता ने उसका स्टेशन पर स्वागत किया। धृति ने पत्रिका को यूक्रेन के हालात साझा किए। यूक्रेन के इवानों में हर पल सायरन का अलर्ट जारी हो रहा था। पहले दिन एयरपोर्ट पर ब्लास्ट हुआ। उससे वे घबरा गए थे। कीव में सेना के टैंकर आ गए थे। ऐसे में लोगों ने बंकर व मेट्रो स्टेशन पर छिपकर जान बचाई। एटीएम पर पैसे खत्म हो गए थे। काफी दूर एटीएम पर पैसा निकाल पा रहे थे। खाने का सामान तीन गुना हो गया था। वहां के हालातों को देखते हुए हमने वापस लौटना बेहतर समझा। 19 फरवरी को वह दिल्ली आ गई। आज कोटा अपने घर आकर बहुत अच्छा लग रहा है।