संगीत की शुरुआत मेरे पैदा होने के बाद उस समय ही शुरू हो गई, जब मेरी नानी ने मेरे कान में गायत्री मंत्री पढ़कर सुनाया। जब तक मैं ढाई साल की होकर बोलना सीखी, मुझे हनुमान चालीसा पूरी अच्छी तरह कंठस्थ थी। धीरे-धीरे विधिवत शिक्षा शुरू हुई। घर में कला का अच्छा माहौल था। मेरे दादाजी उड़ीसा के काफी प्रसिद्ध कथाकार रह चुके है। मेरी मां क्लासिकल सिंगर और डांसर भी है। मेरे पापा बहुत काल से जुड़े है, तो मैं और मेरी छोटी बहन भी संगीत से शुरू से जुड़ गए। मेरी शिक्षा उड़ीसा में देवगढ़ जिले के मेरे पैतृक गांव तेंतालबहल में ही हुई। मैं अब भी हिन्दुस्तानी क्लासिकल की शिक्षा ले रही हूं। मैँ कला की शिक्षा द्रोपती देवी कल्वरल इंटीटुयूट़ से ली। घर पर मेरी मां मेरी पहली शिक्षिका है। मैं यदि गायिका नहीं होती तो ट्रेवल ब्लॉगर होती, मैं ब्लैक बेल्ट भी हूं। मेरे दो गाने कल ही आ रहे है। मैं सोशल मीडिया से दूर थी, लेकिन अब जुड़ रही हूं। मेरे नाम से बहुत सारे लोग फेक एकाउंट भी चला रहे है। मैं हिंदी समेत आठ से ज्यादा भाषाओं में गा सकती हूं। हम कलाकार के रूप में हिन्दुस्तानी है। अनेकता में एकता ही हमारी विशेषता है।