
कोटा.कोटा विश्वविद्यालय में अब हर साल फीस नहीं बढ़ेगी। सालाना 10 फीसदी फीस बढ़ाने के केंद्रीय प्रवेश समिति के फैसले को प्रबंध मंडल (बोम) ने खारिज कर दिया। इतना ही नहीं द्वितीय वर्ष में पांच फीसदी फीस बढ़ाए जाने के फैसले को भी रद्द कर दिया गया है।
सालाना करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने के बावजूद विवि प्रशासन हर साल छात्रों की फीस बढ़ाने में लगा था। इससे महज चार साल में कई पाठ्यक्रमों की फीस बढ़कर दुगनी हो गई थी। नतीजन कई पाठ्यक्रमों को चलाने के लिए विभागों को न्यूनतम छात्र तक नहीं मिल रहे थे। राजस्थान पत्रिका ने 16 जुलाई को 'करोड़ों का मुनाफा, हर साल शुल्क बढ़ाकर वसूलीÓ खबर प्रकाशित कर छात्रों के सामने खड़ी आर्थिक मुसीबत का खुलासा किया। छात्रों की परेशानी यह थी कि यदि वह बढ़ी फीस जमाकर दाखिला ले भी लेते थे तो द्वितीय वर्ष में भी उनकी फीस में 5 फीसदी का इजाफा कर दिया जाता था।
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मंगलवार को विवि के अतिथि गृह में प्रबंध मंडल की बैठक हुई। इसमें बोम के सभी सदस्यों ने सर्व सम्मति से प्रथम वर्ष में सालाना दस फीसदी और द्वितीय वर्ष में सालाना पांच फीसदी फीस बढ़ाने के केंद्रीय परीक्षा समिति के फैसले को खारिज कर दिया। तय हुआ कि चालू सत्र में जो फीस तय की गई है वही आगे भी जारी रहेगी। विवि प्रशासन दो साल बाद फीस की समीक्षा करेगा और सभी विभागाध्यक्ष के सहमत होने पर ही फीस बढ़ाई जाएगी ।
मुफ्त में पढ़ेंगे दो बच्चे
बैठक में तय हुआ कि स्थाई कार्मिकों के दो बच्चे कैंपस में संचालित पाठ्यक्रमों में मुफ्त में पढ़ सकेंगे। दाखिले के दौरान उनसे सिर्फ सिक्योरिटी मनी जमा कराई जाएगी, जिसे पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद वापस कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बोम ने डिप्टी रजिस्ट्रार प्रवीण गोयल की बहाली को मंजूरी देने का साथ ही वित्त वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट, स्पोट्र्स बोर्ड और एकेडमिक काउंसिल के प्रस्तावों का भी अनुमोदन कर दिया। बैठक में कार्यवाहक कुलपति प्रो. अशोक शर्मा, विधायक संदीप शर्मा, प्रो. एनके जैमन, प्रो. आशू रानी, प्रो. रीना दाधीच, कुलसचिव डॉ. संदीप सिंह चौहान, प्रो. मदन राठौर, प्रो. जॉन वर्गीज, वित्त नियंत्रक नीरज मिश्रा और पीसी मीणा आदि सदस्य मौजूद रहे।
Published on:
25 Jul 2018 01:00 am
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