14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वट वृक्ष का पूजन कर माँगा अखंड सुहाग

वट सावित्री अमावस्या सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण पर्व है जो कि आज मनाया जा रहा है |

less than 1 minute read
Google source verification
Vat Savitri Amavashya

कोटा .

वट सावित्री अमावस्या सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण पर्व है जो कि आज मनाया जा रहा है | हर वर्ष यह पर्व ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तथा अमावस्या तक मनाया जाता है और इस वर्ष अमावस्या पर यह व्रत पूर्ण होगा | इस दिन सभी स्त्रियाँ वट वृक्ष का पूजन कर अखंड सुहाग की कामना करती है |

Read More: शनि अमावस्या : 400 वर्ष पुराने शनि मंदिर की कुछ तस्वीरे


लोगों के बीच ऐसी मान्यता है इसी दिन सावित्री ने अपने कठिन तप के बल से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों का रक्षा की थी। कथाओं के अनुसार जब यमराज सत्वान के प्राण ले जाने लगे तो सावित्री भी उनके पीछे पीछे चलने लगी। ऐसे में यमराज ने उन्हें तीन वरदान मांगने को कहा। सावित्री ने एक वरदान में सौ पुत्रों की माता बनना मांगा और जब यम ने उन्हें ये वरदान दिया तो सावित्री ने कहा कि वे पतिव्रता स्त्री है और बिना पति के मां नहीं बन सकती।

Read More: शनि अमावस्या पर जाने किस तरह आपकी किस्मत चमका सकते है ये 5 कालीमिर्च के दाने


यमराज को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने चने के रूप में सत्यवान के प्राण दे दिए। सावित्री ने सत्यवान के मुंह में चना रखकर फूंक दिया, जिससे वे जीवित हो गए। तभी से इस व्रत में चने का प्रसाद चढ़ाने का नियम है।