
अस्पताल में नही है एम्बुलेंस
मोडक़ स्टेशन .
क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोडक़ स्टेशन पर पिछले दो माह से एम्बुलेंस व्यवस्था लडखड़़ाई हुई है। अस्पताल में आए दिन मरीजों को रैफर करने पर घण्टों एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पना पड़ रहा है।
स्थानीय पंचायत व ग्रामीणों ने विधायक, सांसद व सीएमएचओ तक को समस्या से अवगत करा रखा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। कस्बे के ग्रामीणों ने मौके से ही विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल को फोन पर समस्या बताई और अस्पताल के लिए जल्द एम्बुलेंस की व्यवस्था कराने की मांग की। अस्पताल में बढ़ती अव्यवस्थाओं के चलते लोगों में आक्रोश है।
अस्पताल में नही है एम्बुलेंस
मोडक़ अस्पताल में वर्तमान में एक भी एम्बुलेंस नहीं है। अस्पताल की एम्बुलेंस खराब होकर धूल खा रही है। केन्द्र की 104 दुर्घटनाग्रस्त होकर ठीक होने के लिए गई हुई है। चेचट की 108 भी खराब है। ऐसे में अस्पताल से रैफर करने की स्थिति में सुकेत व रामगंजमंडी से 108 बुलानी पड़ती है। तब तक मोडक़ अस्पताल में घायल मरीज तड़पता रहता है।
नहीं हो रही सुनवाई
ग्रामीणों ने सांसद ओम बिरला, विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल, सीएमएचओ, ब्लॉक सीएमएचओ समेत सभी जिम्मेदार लोगों को कस्बे के अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था में सुधार व केन्द्र पर 108 एम्बुलेंस लगाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिए। समस्या बताए एक माह बीत जाने के बाद भी जिम्मेदारों ने समस्या समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं।
एक घण्टे तड़पता रहा मासूम
शनिवार को भोलू गांव निवासी गणेश अपने एक वर्षीय पुत्र को गर्म तेल से हाथ जल जाने पर मोडक़ अस्पताल लेकर आया था। अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने बालक का प्राथमिक उपचार करके झालावाड़ रैफर कर दिया। रैफर करने पर 108 को फोन लगाया, लेकिन एक घण्टे तक 108 एम्बुलेंस नहीं आई। इस दौरान मासूम बालक दर्द से तड़पता रहा। इसके बाद सुकेत से 108 आई और बालक को झालावाड़ लेकर गई।
Published on:
04 Feb 2018 09:30 am
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