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सरकार क्या बदली, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी बदल गए

भाजपा सरकार के प्रस्तावों को बदल कांग्रेस की नई सरकार ने नए प्रोजेक्ट हाथ में लिए

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कोटा

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Mukesh Gaur

Oct 16, 2019

when changed the government, smart city projects also changed

when changed the government, smart city projects also changed

कोटा. केन्द्रीय शहरी मंत्रालय ने जिस परिकल्पना से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कोटा का चयन किया है। उसे कांग्रेस सरकार ने बदल दिया। अब सरकार नए सिरे से स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट हाथ में ले रही है। इसके चलते स्मार्ट सिटी के करीब आधा दर्जन प्रोजेक्ट नेधरातल पर उतरने से पहले ही कागजों में दम तोड़ दिया है।

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में पहला और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दशहरा मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने का था। चार साल बाद भी यहां के अधूरे निर्माण लोगों को चुभ रहे हैं, जबकि तीन साल में दशहरा मैदान के तीनों चरणों का काम पूरा हो जाना चाहिए था। कांग्रेस सरकार ने आते ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा करने की घोषणा कर दी थी, इस कारण पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में शुरू हुए सभी प्रोजेक्ट लगभग ठप हैं। दशहरा मैदान के फेज दो और तीन के ले-आउट में भी बदलाव किया गया है। दशहरा मैदान की स्थिति यह है कि यहां ऊबडख़ाबड़ जमीन लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। 2016 में शहर का चयन स्मार्ट सिटी के लिए किया गया था। इस प्रोजेक्ट में कुल 1456 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे।


ट्रैफिक प्रबंधन पर जोर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अब ट्रैफिक प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। एरोड्राम सर्किल और अंटाघर चौराहे पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त ग्रीन अंडरपास बनाया जाएगा। दोनों प्रोजेक्ट को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल जनता के सामने पावर प्रोजेक्ट से प्रजेन्टेंशन दिला चुके हैं। नयापराु सर्किल को भी स्मार्ट सर्किल के रूप में विकसित किया जाना है।

40 करोड़ का नया ओपीडी ब्लॉक
स्मार्ट सिटी योजना में एमबीएस अस्पताल में 40 करोड़ की लागत से नया ओपीडी ब्लॉक बनाया जाएगा। इसके लिए टेण्डर हो चुके है। कंसल्टेंसी एजेंसी नियुक्त कर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। यह ब्लॉक दो साल में तैयार हो जाएगा। एमबीएस अस्पताल परिसर में पार्किंग स्थल के पास पुराना हॉकी मैदान खाली पड़ा है। इसी मैदान में यह ब्लॉक बनेगा। इससे एमबीएस व जेके लोन अस्पताल के सभी ओपीडी, जांचों का काम, लैब एक ही छत के नीचे संचालित होंगे। नया ओपीडी ब्लॉक से एमबीएस, जेके लोन का कनेक्टिंग कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।

पेन सिटी में तीन प्रोजेक्ट
1. पेयजल नियोजन
स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम, - ऑटोमेशन, हीलियम गैस आधारित लीकेज डिटेक्शन सिस्टम लागू किया जाना है, लेकिन यह अभी तक कागजों में ही चल रहा है।
2. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट
सौलिड लिक्विड रिसोर्स प्रोजेक्ट, जिसके अन्तर्गत शहर में निकलने वाले कचरे का निस्तारण एवं कचरे द्वारा आय का साधन तैयार करना है। यह प्रोजेक्ट भी फेल हो गया है।
3. स्मार्ट इंटीग्रेटेड ट्रान्सपोर्ट सिस्टम
जिसमें सीसीटीवी, ई-चालान, कमांड एण्ड कन्ट्रोल सिस्टम लागू करना, पेडेस्ट्रियन एवं साइकिल के लिए सुविधाएं स्मार्ट पार्किंग सिटी मोबाइल एप आदि शामिल किया गया है। सिटी बसों का संचालन ही 20 दिन से ठप पड़ा है। सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है।

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पुरानी सरकार के यह प्रस्ताव निरस्त
स्मार्ट सिटी की मूल रिपोर्ट में कोटड़ी तालाब को स्मार्ट तालाब के रूप में विकसित किया जाना था, मौजूदा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया है। शहर के पांच मुख्य मार्गों को स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जाना था, इसके लिए नगर विकास न्यास ने लाखों रुपए खर्च कर डीपीआर भी तैयार की थी, लेकिन इसे भी ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। शहर में आवारा मवेशियों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 15 करोड़ की लागत से आध्ुानिक सुविधाओं से युक्त गोशाला बनाई जानी थी, यह प्रोजेक्ट भी निरस्त कर दिया गया। अब निगम अपने मद से यह काम करेगा। स्मार्ट सिटी मिशन की गाइडलाइन के अनुसार निगम की ओर से स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव बनाया गया। जिसमें पेन सिटी सोल्यूशन के साथ रिट्रोफिटिंग आधारित क्षेत्र आधारित प्रस्ताव (एबीडी) के तहत विविध प्रोजेक्ट चिह्नित किए गए।

यह थे क्षेत्र आधारित प्रस्ताव
क्षेत्र आधारित विकास के प्रस्ताव में निगम की ओर से शहर के मध्य 1300 एकड़ क्षेत्र में रिट्रोफिटिंग के तहत विभिन्न कार्य करवाए जाने थे। इस में जेके पेवेलियन क्षेत्र से किशोरसागर, कोटड़ी तालाब, दशहरा मैदान, कोचिंग सिटी आदि शामिल किए गए थे। साथ ही कच्ची बस्ती विकास की योजना भी थी, लेकिन चार साल बाद दशहरा मैदान को छोड़कर एक भी काम शुरू नहीं हो पाया है। साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट शुरू होकर बंद भी हो गया है। इस प्रोजेक्ट को सरकारी धन का अपव्यय माना गया है।


परियोजना की लागत
1456 करोड़ कुल लागत
1121 करोड़ क्षेत्र आधारित परियोजना
335 करोड़ पेन सिटी
वित्तिय प्रबंधन (शेयर)
500 करोड भारत सरकार द्वारा
250 करोड़ राजस्थान सरकार द्वारा
381 करोड़ विविध योजनाओं से कनवर्जन्स
103 करोड़ नगर निगम द्वारा

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जन सुविधा के नए प्रोजेक्ट जल्द शुरू किए जाएंगे। शहर में यातायात की समस्या का स्थायी समाधान होगा। विकास के नए काम शुरू होंगे।
शांति धारीवाल, स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री