7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Women’s Day Special : कोटा की ये आयरन लेडी टिफिन तैयार करने से जल्दी ठीक कर देती है रेलवे का वेगन

पश्चिम मध्य रेलवे के माल डिब्बा मरम्मत कारखाने में महिलाएं सुबह से लेकर शाम तक 45 डिग्री से अधिक तापमान में कठोर परिश्रम कर रही हैं।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Zuber Khan

Mar 08, 2018

Women's Day

कोटा . महिलाओं के कठोर परिश्रम से लोहा पिघल रहा है..., हथौड़ा चल रहा है..., तकनीक में भी उनकी अंगुलियां कोटा ही नहीं देश के हजारों लोगों के सफर में भागीदारी निभा रहीं हैं...। पश्चिम मध्य रेलवे के माल डिब्बा मरम्मत कारखाने में महिलाएं सुबह से लेकर शाम तक 45 डिग्री से अधिक तापमान में कठोर परिश्रम कर रही हैं।

Read More: कोटा की आरटीओ ने कंडम बसों को भी दे दिया मुसाफिरों की जान से खिलवाड़ करने का परमिट

भारी भरकम लोहा उठाना, लोहे का आकार बदलकर उसे कार्य के अनुरूप करना, मशीन चलाना, वेल्डिंग करना, बियरिंग रिपेयर करना, लाइट कार्य, टे्रनों के पहियों को राह पर लाने सहित कई कार्य किए जा रहे हैं। कारखाने में 115 महिलाएं दिन-रात रेल सेवा में अहम योगदान दे रही हैं। इस उत्कृष्ट कार्य के लिए वह कई बार मंडल रेल प्रबंधक व महाप्रबंधक से सम्मानित हो चुकी हैं।

Read More: राजस्थान पर खतरनाक वायरस की काली छाया, हर दिन 3 लोगों का टूट रहा दम, दवाइयां भी बेअसर

देशभर की टे्रनों के डिब्बों की मरम्मत
उपमुख्य यांत्रिक इंजीनियर प्रमोदकुमार सिंह ने बताया कि देशभर में चलने वाली मालगाड़ी के क्षतिग्रस्त डिब्बों की मरम्मत का कार्य महिलाएं कर रही हैं। पहले इन कार्यों को पुरुष किया करते थे। खतरों भरे इन कार्यों की शुरुआत 1999 में केवल एक महिला गीता पेसवानी से हुई। अब 115 महिलाएं कठोर से कठोर कार्य कर रही हैं।

Read More: कोटा में तांडव के बाद फिर से तबाही मचाने आया यह वायरस...संभल कर रहें

लेथ व मिलिन मशीन पर बना रही पाट्र्स
मास्टर क्राफ्ट फिटर अरविंद ङ्क्षसह ने बताया कि महिलाओं का लोहा मनवाना यहीं खत्म नहीं होता, यहां महिलाएं लेथ मशीन के साथ मिलिन मशीन पर भी कार्य कर रही हैं। इन मशीनों पर कई तरह के पाट्र्स बनाए जाते हैं। डिब्बे को उठाने के बाद वहां से दूसरी जगह रखने का कार्य खतरों से खेलते हुए महिलाएं कर रही हैं। इस कार्य को यहां सीता, सीमा कुरैशी, भूरी बाई, बबीता चौहान व सुनीता कर रही हैं।

Read More: 300 रुपए में ट्रेन से भेजिए पिस्तौल और बम, रोजाना खतरे में रहती है हजारों यात्रियों की जिंदगी

आसानी से हो रहे उच्च तकनीक के कार्य

कारखाने में हार्डवर्क के साथ उच्च तकनीक के कार्य भी किए जा रहे हैं। इसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर गीता पेसवानी माल गाड़ी के डिब्बे की रिपेयरिंग के बाद उन्हें उच्च गुणवत्ता पर परखती हैं। पेसवानी को एम्पलॉई ऑफ द मंथ का अवार्ड भी दिया गया है। साथ ही, जीएम अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। वहीं सुनयना सिंह डिब्बे की मरम्मत कार्य को तकनीकी रूप से बारीकी से जांच करती हैं। अभिलाषा चौहान कम्प्यूटर पर लेजर इंजीनियरिंग मशीन की सहायता से बियरिंग की टेस्टिंग पार्ट की मार्र्किंग करती हैं। पार्ट की गुणवत्ता को परखने का कार्य भी ये महिलाएं करती हैं।

बियरिंग का कार्य भी महिलाओं के हाथों में

कारखाने में बियरिंग को खोलने, साफ करने, धोने, बदलने, रिपेयरिंग, टे्रन के पहियों में फिट करने का कार्य महिलाएं कर रही हैं। इस कार्य के लिए ज्योति राठौर को सम्मानित किया जा चुका है। वहीं शबाना शेख को हार्डवर्क के लिए सम्मान मिल चुका है। इस कार्य को ओमवती, चंदा बाई, आकांशा माथुर, निर्मला मीणा, दीप्ति माथुर कर रही हैं।