मिली जानकारी के मुताबिक, 64 सदस्यों की मौजूदगी में सुबह 10 बजे से शुरू हुई चर्चा के बाद मतदान हुआ जिसमें सपा के जिला पंचायत अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 33 मत मिले। पूरे जिला पंचायत परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया था.जिला पंचायत में सदस्यों के अलावा किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। मीडिया तक को अंदर नहीं जाने दिया गया.डीएम और एसपी खुद सुरक्षा व्यवस्था की मानीटरिंग करते रहे।
हाईप्रोफाईल बैठक शांतिपूर्वक सम्पन्न होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। आपको बताते चलें कि कुशीनगर जिला पंचायत की सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था.सूबे में सत्ता बदलने के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश राणा की कुर्सी पर काले बादल मंडराने लगे थे लेकिन सपा सदस्यों की एकजुटता के चलते अविश्वास नहीं हो आ पा रहा था। कुछ दिन पूर्व भाजपा और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने वर्तमान अध्यक्ष के खिलाफ डीएम के सामने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था लेकिन उसी दिन अध्यक्ष हरीश राणा ने अपने समर्थन में 34 सदस्यों की डीएम के सामने परेड करके सारा खेल बिगाड़ दिया था।
कुछ सदस्यों ने दोनों पक्षों के प्रार्थना पत्रों में हस्ताक्षर किया था इसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले पर चर्चा के लिए आज का दिन निर्धारित किया था. आज 9 अप्रैल को जिले का सियासी पारा चरम पर था। दोनों तरफ से जिला पंचायत सदस्यों को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा था। जिला पंचायत सभागार में हुए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद हुए मतदान में बीजेपी ने सपा को पटखनी देते हुए 31 के मुकाबले 33 मतों से पराजित कर लिया।
जीत के बाद उत्साहित भाजपा जिलाध्यक्ष ने इसे सत्य की जीत बाताया। जीत के बाद सांसद सहित सभी वरिष्ठ भाजपाई जिला मुख्यालय आ गए और खुशी का इजहार करने लगे। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ने सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके हराने का आरोप लगाया है। कहा कि डीपीआरओ ने उनके मत पर मोहर मारकर मुझे हरा दिया. सरकारी मशीनरी का पूरा – पूरा दुरूपयोग हुआ है।
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