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मठ पर आधिपत्य को लेकर भिड़ गए दो महंत, फिर…

हाईकोर्ट में चल रही आधिपत्य की जंग, तहसीलदार हैं रिसीवर

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कुशीनगर. आम जनता के लिए मंदिर एवं मठ आदि-अनादिकाल से ही आस्था एवं श्रद्धा का विषय रहे हैं। कई मंदिर एवं मठों के पास अकूत संपत्ति भी है, जिसकी चर्चा समय-समय पर होती रहती है, लेकिन कुशीनगर जिले में रविवार को एक अजीबो-गरीब दृश्य देखने को मिला। जब एक मठ पर आधिपत्य के लिए दो महंत आमने-सामने आ गए। सकते में आए पुलिस प्रशासन ने किसी तरह दोनों को मठ से हटाकर स्थिति को नियंत्रित किया। मामला हाटा कोतवाली क्षेत्र के करमहां मठ का है।


जानकारी के अनुसार करमहां मठ क्षेत्र का बहुत ही पुराना मठ है, जिसकी वजह से यह क्षेत्रीय नागरिकों की आस्था का भी केंद्र है। श्रद्धालुओं की विशेष आस्था जुड़ी होने के कारण उक्त मठ के पास संपत्ति भी काफी है। मठ के पास 50 एकड़ से अधिक भूमि है। मठ पर आधिपत्य को लेकर महंत राजेश नाथ व विवेक नाथ के बीच सन 1992 से ही विवाद चला आ रहा है। दोनों का विवाद अदालत भी पहुंच गया। मामले की सुनवाई करते हुए मार्च 2017 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मठ के महंत को लेकर यथा स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। अदालत ने हाटा के तहसीलदार को विवाद के समाधान तक रिसीवर नियुक्त किया था। बताया जाता है कि महंत विवेक नाथ व उनके समर्थकों ने मंदिर परिसर में एक सप्ताह पूर्व श्रीमद्भगवद कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन कर दिया, जिसकी शुरुआत एक सप्ताह पूर्व हुई थी। रविवार को इसकी पूर्णाहुति होनी थी। जिसके उपलक्ष्य में विशाल भंडारे का आयोजन सुनिश्चित था। इसकी भनक महंत पद पर दावा करने वाले दूसरे महंत राजेश नाथ को मिल गई। रविवार की सुबह वह सैकड़ों समर्थकों के साथ मठ पहुंच गए और हंगाम शुरू कर दिया। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हालात बिगड़ते देख मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर मठ के रिसीवर तहसीलदार संजय राय एवं पुलिस अधिकारी ओमपाल मौके पर पहुंचे एवं दोनो पक्षों को हाटा कोतवाली बुलाया। तहसीलदार द्वारा दोनों पक्षों को कोतवाली भेजे जाने के बाद स्थिति सामान्य हो सकी।


फूले प्रशासन के हाथ-पांव
दो महंत व उनके समर्थकों के आमने-सामने आ जाने से स्थिति तनाव पूर्ण हो गई। मंदिर पर लोगों के जमा हो जाने से प्रशासन के हाथ- पांव फूलने लगे। आनन-फानन में कई थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई। एक महंत व उनके समर्थक मंदिर पर चल रही श्रीमद भागवत कथा को सकुशल संपन्न कराने की कोशिशों में जुटे रहे। वहीं दूसरे महंत राजेश नाथ एवं उनके समर्थक भी मंदिर में प्रवेश करने की जिद्द पर अड़े थे। महंत एवं उनके समर्थकों को रोकने में पुलिसकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान कोतवाल राजाराम यादव, थानाध्यक्ष तुर्कपट्टी दुर्गेश कुमार, रासिद खां, थानाध्यक्ष अहिरौली सुनील कुमार आदि हालात को नियंत्रित करने में जुटे रहे।