
गोद में थी बेटे की लाश, आंखों में आंसूओं का सैलाब.. अस्पताल के बाहर मांग रहे थे भीख
लखीमपुर खीरी. केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाएं को बेहतर बनाने के लिये भरसक प्रयास कर रही है। वही स्वास्थ्य महकमा सरकार का बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। गुरुवार की देर शाम को जिला अस्पताल में एक बार फिर इंसानियत के साथ ही सरकारी दावे खोखले साबित हो गये। बुखार से मरे बेटे की लाश को गोद में लेकर मां-बाप को भीख मांगनी पड़ी। यह मदद बच्चे के शव को घर तक जाने के लिए और उसके अंतिम संस्कार करने के लिए थी। हैरत की बात यह है कि सीएमओ और सीएमएस ऑफिस से चंद कदम की दूरी पर हुये इस वाक्य से दोनों अफसरान अनजान है।
ईशानगर क्षेत्र के ग्राम जठरा निवासी मोबिन के 5 साल के पुत्र निसार की गुरुवार को जिला में चिल्ड्रन वार्ड में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मोबिन और आसिफा की आंखों के सामने उसके बेटे ने दम तोड़ दिया। अस्पताल वालों ने उनसे बेड खाली करा लिया। मोबिन से कहा कि कुछ देर में शव वाहन आता होगा। जो लाश को गांव तक पहुंचाएगा। इतना कह कर अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारी अपने में व्यस्थ हो गये। गरीब मोबिन और उसकी बीबी बेटे की लाश को सीने से लगाए कभी वार्ड के बाहर तो कभी इमरजेंसी में देखते। अब उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। शाम होने को आई थी। गरीब का सरकारी सिस्टम से भरोसा उठ चुका था। वह बेटे की लाश को खुद ही घर पहुंचाने के इंतजाम में लग गया। जेब में पैसे थे नहीं इसलिए दवा काउंटर के सामने लाश लेकर रोने लगा। तमाम तीमारदारों और शहर के लोग को पैसे देने शुरू कर दिया। उसके बाद में पैसे एकत्र होने के बाद मोबिन अपने बेटे की लाश को लेकर चला गया। वही विभाग का दावा है कि लाश शव वाहन से गई है, वही सीएमओ मनोज अग्रवाल ने बताया कि बच्चे की मौत हो जाने के बाद परिवार को भीख मांगने की घटना काफी गंभीर है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।
Updated on:
22 Sept 2018 12:00 pm
Published on:
22 Sept 2018 11:34 am
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