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लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SIT भंग कर जज को किया रिलीव

  Lakhimpur Kheri Violence Case: लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की तफ्तीश कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भंग कर दिया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है और निचली अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है लिहाजा अब इसकी कोई जरूरत नहीं है।  

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Lakhimpur kheri violence case sit resolved retired judge relieved

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि अगर एसआईटी के पुनर्गठन की जरूरत महसूस होती है तो इस संबंध में बाद में आदेश पारित किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने एसआईटी की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था।
उन्हें कार्यमुक्त करते हुए कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ी तो SIT का पुनः गठन होगा। उन्हें इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से की जा रही जांच पर नजर रखनी थी।

4 लोगों की हुई थी मौत

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में कृषि कानून का विरोध किसान संगठनों पर कर रहे थे। तभी हिंसा भड़क उठी और 4 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन किसान और एक पत्रकार शामिल थे। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी से किसानों को रौंद दिया था। जिसके बाद उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।

आरोप है कि गाड़ी से किसानों की मौत के बाद ही हिंसा भड़की थी। इस मामले में आशीष मिश्रा टेनी समेत कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी। तब कोर्ट ने उन्हें उत्तर प्रदेश और दिल्ली से बाहर रहने का आदेश दिया था।


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