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लखनऊ. तकनीक का इस्तेमाल करना कोई अखंड सिंह से सीखे। एक झगड़े के बाद इनकी एसयूवी पुलिसवालों ने बिना लिखा-पढ़ी के थाने में जमा करवा ली। बाद में गाड़ी मालिक ने अपनी स्कार्पियों की लोकेशन चेक की। पता चला इनकी गाड़ी लखनऊ से 143 किमी दूर लखीमपुर में हैं। उन्हें आशंका हुई कि थाने से गाड़ी चोरी हो गयी है। उसने थेप्ट लॉक एक्टीवेट कर दिया। इसके बाद गाड़ी जहां की तहां खड़ी हो गयी। इससे हाइवे पर फर्राटा भर रहे पुलिसकर्मी गाड़ी में ही फंस गए। 38 मिनट तक गाड़ी में बंद रहे। माजरा समझ में आने के बाद पुलिस वालों ने गाड़ी मालिक को फोन किया। इंस्पेक्टर ने लिखित में दिया कि गाड़ी बेगार में गयी है। तब कहीं जाकर गाड़ी का लॉक खुला और सिपाही-दरोगा वापस लौटे। इस मामले में गोमती नगर इंस्पेक्टर को पुलिस कमिश्नर ने लाइन हाजिर कर दिया है।
गोमतीनगर थाने में एक स्कार्पियों विवाद में थाने लाई गयी। पुलिस ने इस गाड़ी मालिक को विवाद सुलझने के बाद एसयूवी को ले जाने की बात कहकर घर भेज दिया। इस बीच किसी मामले के सिलसिले में कुछ सिपाही और दरोगा गाड़ी लेकर लखीमपुर निकल गए। दूसरे दिन पीडि़त अपनी गाड़ी लेने थाने पहुंचा। वहां गाड़ी नहीं दिखी तो मोबाईल के जरिए कार का लॉक सिस्टम ऑन कर दिया। उधर, एसयूवी से फर्राटा भर रहे पुलिसवालों की कार के ऑटो लॉक होते ही हवाईयां उड़ गईं। सारे जतन करने के बाद भी जब कार ऑन नहीं हुई तब पुलिस अधिकारियों को कार मालिक को फोन करना पड़ गया। वाहन स्वामी भी हैरान था कि उसकी कार को पुलिस अपने काम के लिए इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, पुलिस के आग्रह पर मालिक ने कार का लॉक खोल दिया जिससे कार को वापस लखनऊ लाया जा सका। लेकिन, तब तक यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी और साथ ही पुलिस की कारस्तानी भी। इसके चलते एक इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर होने की सजा भी भुगतनी पड़ी।
यह था मामला
सहायक पुलिस आयुक्त गोमतीनगर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मानस एन्क्लेव के निवासी कारोबारी आदित्य श्रीवास्तव व उसके परिचित संजय सिंह के बीच कार खरीदने को लेकर मंगलवार रात को विवाद हुआ था। आदित्य ने तीन वर्ष पहले कार ली थी जिसे कुछ महीने पहले ही उसने संजय को बेच दिया था। लेकिन दोनों में पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। बुधवार रात आदित्य अपने दोस्त अखंड सिंह की एसयूवी कार से गोमतीनगर स्थित एसआरएस मॉल पहुंचा जहां संजय पहले ही मौजूद था। आदित्य ने संजय से अपनी कार वापस ले ली। लेकिन दोनों में इसे लेकर फिर से झगड़ा शुरू हो गया । हंगामा होते देख एसआरएस चौकी प्रभारी उमेश कुमार सिंह दोनों पक्ष को कार समेत थाने ले आए। देर रात पंचायत के बाद दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया। पुलिस ने इस बीच आदित्य की कार छोड़ दी लेकिन अखंड की कार थाने में ही खड़ी करा ली। अखंड सिंह गोंडा का मूल निवासी है और वर्तमान में लखनऊ के गोसाईगंज में रहता है। उसे बुधवार को कार थाने आकर लेने के लिए कहा गया था। बहरहाल, गोमतीनगर एसएचओ गोमतीनगर पीके सिंह को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया है।
आप भी करें तकनीक का इस्तेमाल-
अपनी गाड़ी में जीपीएस डिवाइस लगवाएं। यह 1500 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक में उपलब्ध हैं। गाड़ी में जीपीएस ट्रैकर लगवाना बहुत ही फांयदेमंद होता है। अगर आपकी कार चोरी हो भी जाती है तो आप आसानी से उस तक पहुंच सकते हैं। एक बात का ध्यान रखे कि यह जीपीएस ट्रैकर ऐसी जगह फिट करवाए जहां चोर की नजर ना पड़े और वह इसे निकाल ना सके। GPS ट्रैकर से न सिर्फ आप दूर से भी अपनी कार पर नजर रख पाएंगे बल्कि चोरों को लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। पुलिस कार चोर को आसानी से पकड़ सकते हैं।
Published on:
05 Mar 2020 06:43 pm
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