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अगर आशीष मिश्र यूपी में राजनीतिक कार्यक्रमों में हो रहे हैं शामिल तो बेल की शर्तों का है उल्लंघन, केंद्रीय मंत्री के बेटे पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान 4 लोगों को कार से कुचलकर मारने के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि उसका यूपी में घूमना बेल का उल्लंघन है।

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SC Sentence at son of Ajay Mishra Teni said If Ashish Mishra is participating in political programs in UP it is a violation of bail conditions

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो इसे अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। मामले में पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि आशीष राजनीतिक रूप से सक्रिय है।

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पीड़ित परिवारों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि आशीष मिश्रा राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है और एक वीडियो में उसे ट्राइसाइकिल वितरित करते देखा गया था।

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कोर्ट में वीडियो के साथ एक हलफनामा पेश करेंगे प्रशांत भूषण
भूषण ने कहा, “कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए उसके उत्तरप्रदेश में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन वह जगह- जगह घूम रहा, ट्राइसाइकिलें बांट रहा और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहा है। हम उन वीडियो के साथ कोर्ट में एक हलफनामा पेश करेंगे, जिसमें आशीष मिश्रा को साइकिल वितरित करते हुए देखा जा सकता है।

इस पर जस्टिस कांत ने कहा, ''अगर वह किसी समारोह में शामिल हो रहा है, तो यह निश्चित रूप से अंतरिम जमानत की शर्त का उल्लंघन है। वहीं, इन आरोपों का खंडन करते हुए आशीष मिश्रा के वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा, "ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होने पर उनका मुवक्किल एक दिन पहले यूपी में प्रवेश करता है और अगले दिन वापस लौट जाता है।

2023 मेंआशीष मिश्रा को कोर्ट से मिली थी जमानत
कोर्ट ने भूषण से राजनीतिक गतिविधियों में आशीष मिश्रा की भागीदारी के संबंध में हलफनामा पेश करने को कहा। गौरतलब है कि जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं। इसमें कहा गया था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, वह यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकता। वह अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करेगा और उसके परिजन या वह स्वंय गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे। ऐसा करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।


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