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सामने थी दुकान, अच्छा बिजनेस देख हुई ईर्ष्या और कर दिया क़त्ल

एक व्यापारिक ईर्ष्या के कारण एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति का कत्ल कर उसकी सबको गांव के ही पास कुएं में फेंक दिया।

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Jul 31, 2017

Crime

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ललितपुर।
कभी पढ़ा था कि 'ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से' और यह बात सच भी है। जब तक मन में ईर्ष्या रहेगी दूसरों का बुरा सोचने का के अलावा और कुछ व्यक्ति सोच भी नहीं सकता। ऐसी ही एक व्यापारिक ईर्ष्या के कारण एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति का कत्ल कर उसकी सबको गांव के ही पास कुएं में फेंक दिया।


जब गनेश निवासी ग्राम कुष्मांड थाना सौजना ने अपने भाई का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी थी। इस संबंध में पुलिस ने मामले को धारा 302,201,120b IPC व 3(2)5 SC/st act में पंजिकृत कर विवेचना प्रारम्भ की। कत्ल का आरोप देव सिंह आदि 4 अज्ञात पर लगाया था। पुलिस की विवेचना में मुख्य आरोपी देवसिंह के साथ भगवानदास पुत्र प्यारेलाल किसना पुत्र हरदेव तथा रमला पुत्र रल्ली अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया गया। हत्या मे प्रयुक्त एक अदद तमंचा, एक जिंदा व एक खोखा कारतूस भी बरामदगी की गई।




यह था मामला
सौजना थानान्तर्गत ग्राम गौना कुसमाड़ से चढरा की तरफ जाने वाली रोड़ के पास एक कुंआ स्थित है। उसमें ग्रामीण की लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी थी। सूचना पर सौजना पुलिस ने मौके पर जाकर शव को कुंआ से बाहर निकलवाकर देखा था तो मृतक के शरीर पर गोली का घाव बताया जा रहा था। मृतक की शिनाख्त उसके भाई और उसकी पत्नी काशी बाई ने थनुआ अहिरवार (52 वर्ष) पुत्र फुंदिया निवासी ग्राम कुसमाड के रूप में की थी। पुलिस शव को कब्जे में लेकर जिला मुख्यालय पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और मामले की जांच में जुट गयी। इस सम्बन्ध में ग्रामीणों से पूंछतांछ भी की गई थी। मृतक के भाई ने बताया कि हम सभी लोग अपने घर में बैठे हुए थे। तभी देर शाम लगभग आठ बजे गांव का ही एक व्यक्ति काशीराम पुत्र अजुद्दी उसे यह कहकर बुला ले गया कि तुम्हें भगवान दास ने बुलाया है। उसके बाद जब वह देर रात तक नहीं आया तब उसकी तलाश की गई मगर अंधेरा होने के कारण उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चला। सुबह सूचना मिली थी उसकी लाश गांव के बाहर जाने वाले एक सड़क के किनारे पड़ी हुई है गांव के ही एक व्यक्ति शिशुपाल सिंह ने बताया कि जब रात्रि में उसे जिस जगह बुलाया गया तो वहां पर पहले से ही भगवान दास पुत्र प्यारेलाल कृष्णा राजा पुत्र हरदेव देवी सिंह पुत्र गणेश जी तथा रमला के साथ कुछ और व्यक्ति मौजूद थे वहीं पर इन लोगों के बीच कोई बात विवाद हुआ होगा और इसी बीच इन लोगों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। वारदात को छुपाने के लिए उसका सब पास बने एक कुएं में फेंक दिया। बताया गया है कि उसके सीने में एक सुराग था जो शरीर के आर पार था। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है क्या तो उसे गोली मारी गई है।


ग्रामीणों के अनुसार थानुआ को बुलाकर उसकी हत्या कुछ चिन्हित लोगों ने की है मगर इस हत्या के पीछे का कारण कोई स्पष्ट रुप से नहीं बता पा रहा था। मगर जब इसके संबंध में पुलिस ने गांव की अलग-अलग व्यक्तियों से अलग-अलग पूछताछ की। तब हत्या का कारण स्पष्ट रुप से सामने आया। गांव वालों ने बताया कि दोनों ही व्यक्तियों की दुकानें आमने सामने थी। दुकानदारी को लेकर पहले भी कई विवाद हो चुके थे। जो गांव वालों की मदद से निपटाए गए थे। इसके पहले लोगों ने इतना जरुर बताया था कि इन दोनों की दुकाने हैं जिनमें आपस में दुकानदारी को लेकर मनमुटाव उत्पन्न हुआ था। हो सकता है उसी के चलते हत्या हुई हो।