
बेटी का झाड़ू-पोछा करना पुलिस पिता को था नामंजूर, इसलिए दमाद को सुना दी ये सजा
ससुर पर लगाया 5 व्यक्तियों के साथ घर में जबरन घुसने का आरोप
बेईमानी की नियत से अलमारी में रखे जेवर उठाकर पत्नी को साथ लेजाने का आरोप
ललितपुर. वैवाहिक बंधन दो व्यक्तियों का नहीं अपितु दो आत्माओं के साथ साथ दो परिवारों का अटूट बंधन होता है। दोनों ही परिवार एक दूसरे के सुख दुख में काम आते हैं मगर जब पत्नी के मायके पक्ष का परिवार एक तरफा अपनी बेटी की तरफ झुक कर अपने दामाद और उसके परिवार वालों को परेशान करता है तो फिर रिश्तो में खटास आना स्वभाविक है और यही हालात सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला तालाब पुरा निवासी आलोक खरे और उसके पिता राजबहादुर श्रीवास्तव के साथ हुआ ।
जिस के संबंध में उन्होंने कोतवाली पुलिस को एक तहरीर देकर पूरे मामले से अवगत करा कर मामला दर्ज भी कराया
यह है पूरा मामला
सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले पूर्व नायब तहसीलदार राजबहादुर श्रीवास्तव का परिवार बहुत ही सामान्य और सभ्य है । उन्होंने अपने पुत्र आलोक खरे का विवाह झांसी निवासी यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात दिनेश कुमार की बेटी के साथ किया था शादी के बाद थोड़े दिन तो जिंदगी सामंजस्य से सुखपूर्वक चली । मगर उसके बाद जब आलोक की पत्नी के पुलिसिया पिता के साथ मायके पक्ष ने उसके घर में पुलिसिया रौब में दखलंदाजी करना शुरू की और अपनी पुत्री को सुख सुविधाओं की ओर मोड़ना चाहा तो आलोक कुमार के घर में गृह क्लेश उत्पन्न होने लगा ।
जिसके चलते दोनों ही परिवारों के रिश्ते में खटास आ गई और एक दिन आलोक खरे के ससुर पुलिस उपनिरिक्षक दिनेश कुमार पुत्र रामेश्वर श्रीवास्तव अपने पुलिसिया अंदाज में अपने पुत्र हेमन्त कुमार व रिश्तेदार विवेक पुत्र महादेव अमित नामदेव और एक पुलिस वाले एवं एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के साथ ललितपुर आकर जबरन उसके घर में घुस गए और घर में घुसकर आलोक की पत्नी एवं अपनी बेटी के साथ एक साजिश रच कर उसके कमरे में रखी अलमारी से बेईमानी की नियत से सारे जेवरात अपने बैग में रख लिए और आलोक की पत्नी एवं अपनी बेटी को अपने साथ बिना बताए ही लेकर चले गए और जब घर में मौजूद व्यक्तियों ने उनकी इस हरकत का विरोध किया तो उन्होंने पुलिसिया भाषा में गाली गलोच कर जान से मारने की धमकी दी ।
कोतवाली पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर मामले में आरोपियों के खिलाफ 147 452 504 506 धारा में पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ कर दी है ।
इनका कहना है
इस संबंध में पीड़ित आलोक श्रीवास्तव का कहना है कि हमारे ससुर नहीं चाहते कि उनकी बेटी अपनी ससुराल में घरेलू काम करें उनकी बेटी के लिए नौकर चाकर की आवश्यकता है। जिस आवश्यकता को पूरा करना हमारे बस की बात नहीं हम एक मध्यम परिवार के व्यक्ति हैं और अपनी जिंदगी आम लोगों की तरह जीना चाहते हैं। बस इसी बात को लेकर हमारे ससुर और हमारे परिवार के बीच में मतभेद उत्पन्न हो गए और उस कारण उन्होंने अपनी बेटी को हमारे साथ रखने से इंकार कर दिया एवं हमारे घर से जेवरात एवं बेटी को लेकर चले गए और यहां से जाते समय उन्होंने ने पुलिसिया रोब में हमारे परिवार के साथ गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी भी दी ।
Published on:
12 Jul 2018 02:11 pm
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