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आज भी बिजली को तरस रहे हैं इन गांवों के लोग

आजादी के बाद से आज तक इन मजरों में नहीं पहुंची लाइट, कोई भी जन प्रतिनिधि नहीं आता पूछने, चुनाव के समय आते हैं जनप्रतिनिधि,     कई बार कहने के बाद भी नहीं जागे अधिकारी।

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Ashish Kumar Pandey

Sep 01, 2016

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ललितपुर.
देश आैर प्रदेश की सरकारें विकास का चाहे जितना भी दावा करें पर उनके इस दावों की पोल खुल जाती है। आज देश को आजाद हुए लगभग 70 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस देश में कई गाँव ऐसे हैं, जिनमें आज तक बिजली नहीं पहुंची या फिर यूं कहें कि आज भी यहां के लोग बिजली से अंजान हैं।


ऐसे ही कुछ ग्रामों के मजरे ललितपुर जिले में है जहां आज तक लाइट के दर्शन नहीं हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी रहा है कि ललितपुर जिला बुंदेलखंड का सबसे पिछड़ा जिला है, यहां पर ग्रामीण क्षेत्र की आबादी लगभग बिना पढ़ी लिखी है या फिर अल्प ज्ञानी है और यहां कोई भी जनप्रतिनिधि ऐसा नहीं है जो जनता की आवाज को सुने या फिर जनता के दुःख दर्द को समझे।


जनपद के बानपुर थाना अंतर्गत ग्राम कैलागुआं ब्लॉक बार की न्याय पंचायत म्यांव के मजरा हीरानगर, डेंगना, डोंगा खेरो आदि में आज तक बिजली नहीं पहुंची। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां कोई भी नेता और प्रधान आदि ने कभी ये कोशिश नहीं की कि हमारे गाँव में लाइट आ जाए। इसके पूर्व यह मजरे कैलागुआं ग्राम सभा के अंतर्गत थे और अब यह म्यांव ग्राम सभा के अंतर्गत हैं। यहां पर समय-समय पर प्रधान व जिला पंचायत सदस्य बदलते रहे हैं। मगर हालात नहीं बदले आज भी स्थिति जस की तस है।


आज जब विज्ञान चाँद तक पहुंचाने की बात करता हो तो इस समय में अगर कोई व्यक्ति यह पूछे की लाइट कैसी होती है तो है न हैरत की बात। यह बात सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में बिना बिजली के जीवन अधूरा है या फिर यह कहें कि कुएं के मेढक जैसा है।