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भारती एयरटेल ने आरकॉम के लिए बोली ली वापस, लेंडर्स कमेटी पर लगाया पक्षपात का आरोप

जियो के आग्रह पर बोली की समयसीमा बढ़ाने का लगाया आरोप एयरटेल के आग्रह पर लेंडर्स कमेटी ने नहीं बढ़ाई थी समयसीमा अब लेंडर्स ने 11 नवंबर की जगह 25 नवंबर तक बढ़ाई समयसीमा

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Bharti Airtel bid back for RCom

Bharti Airtel bid back for RCom

नई दिल्ली।रिलायंस कम्युनिकेशंस ( Reliance Communication ) की दिवालिया प्रक्रिया के दौरान चल रहा ड्रामा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब भारती एयरटेल ( Bharti Airtel ) ने आरकॉम ( rcomm ) के लिए लगाई बोली को वापस यह बात कहकर ले लिया है कि लेंडर्स कमेटी ने बोली डेट बढ़ाकर बाकी कंपनियों के साथ पक्षपात किया है। आपको बता दें कि आरकॉम कर्जदाताओं की कमेटी ने रिलायंस जियो ( Reliance Jio ) के कहने पर बोली की समय सीमा आगे बढ़ाते हुए 25 नवंबर तक कर दी है। जबकि पहले यह डेट 11 नवंबर थी। यह आरोप इसलिए भी है क्योंकि इससे पहले एयरटेल और बाकी कंपनियों ने लेंडर्स कमेटी से डेट आगे बढ़ाने की बात कही थी। जिसे कमेटी ने सिरे से खारिज कर दिया था।

एक कंपनी को प्रक्रिया में शामिल में शामिल करने को बढ़ाई डेट
भारती एयरटेल के फाइनेंस डायरेक्टर हरजीत कोहली ने सॉल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन को लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि जब एयरटेल ले समयसीमा आगे बढ़ाने की बात कही थी तब लेंडर्स की कमेटी ने कंपनी के आग्रह को खारिज कर दिया था। अब रिलायंस जियो का नाम लिए बिना एक कंपनी को बोली प्रक्रिया में शामिल करने के लिए डेट एक्सटेंड कर दी गई। कोहली के अनुसार कंपनी ने कई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 31 अक्टूबर 2019 लेटर लिखा था। जिसमें डेट की सीमा 11 नवंबर से बढ़ाकर एक दिसंबर 2019 करने को कहा गया था। लेकिन लेंडर्स कमेटी ने इस प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया था।

25 नवंबर तक जमा कराई जा सकेगी बोली
रिलायंस जियो ने आरकॉम की संपत्ति बिक्री को लेकर लेंडर्स कमेटी को लेटर लिखकर समय सीमा बढ़ाने को 10 दिन और आगे बढ़ाने का लेटर लिखा था। जिसे लेंडर्स ने मानते हुए बोली की डेट 25 नवंबर कर दी। आपको बता दें कि भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल और निजी इक्विटी कंपनी वार्दे पार्टनर्स बोलियां जमा की थी। एयरटेल ने आरकॉम के स्पेक्ट्रम के लिए तो इंफ्राटेल ने मोबाइल टॉवर के लिए बोलियां लगाई हैं।

जल्दबाजी में जमा करानी पड़ी थीं बोलियां
भारती एयरटेल के डायरेक्टर फाइनेंस ने डेट एक्सटेंशन के बाद कहा कि यह डेट मात्र एक कंपनी अनुरोध पर बढ़ाई गई है। जिससे एयरटेल को काफी बड़ा झटका है। इसका कारण है जब एयरटेल ने डेट आगे बढ़ाने की बात कही थी तब लेंडर्स ने डेट आगे नहीं बढ़ाई थी। जिसकी वजह से कंपनी को जल्दबाजी में बोली जमा करानी पड़ी थी। जिसकी वजह से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इसलिए हम नई समय सीमा में नए सिरे से समाधान योजना जमा करने के अधिकार समेत अपने सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए अपनी समाधान योजना को वापस ले रहे हैं।