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कर्मचारियों की छंटनी पर Ratan Tata ने उठाए कंपनियों पर सवाल, जानिए दिग्गज ने क्या कहा…

अंग्रेजी मीडिया को दिए इंटरव्यू में महामारी के दौरान छंटनी पर कंपनियों की नैतिकता पर उठाए सवाल कंपनियों के लिए लंबे समय तक काम करने और अच्छा प्रदर्शन करने वालों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी

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Saurabh Sharma

Jul 24, 2020

Ratan Tata

नई दिल्ली। जब से देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) का प्रकोप बढऩा शुरू हुआ था, तभी से ही देश में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सिलसिला जारी है। जहां नौकरी से नहीं निकाला गया, वहां सैलरी को 50 या उससे ज्यादा फीसदी की कटौती कर दी गई। जिस पर देश के सबसे सीनियर और दिग्गज उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा ( Ratan Tata ) की ओर से काफी नाराजगी जताई गई है। उन्होंने एक अंग्रेजी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि काम कर रहे कर्मचारियों के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को ऐसे कर्मचारियों के प्रति काफी संवेदनशील होना चाहिए जो आपके साथ काफी लंबे समय जुड़ा हुआ है और बेहतर प्रदर्शन कर कंपनी को आगे बढ़ाने में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने पर कंपनियों की नैतिकता पर भी सवाल खड़ा किया है।

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महामारी आते की छंटनी शुरू
उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि देश कोरोना का प्रकोप शुरू ही हुआ था कि तभी कंपनियों की ओर से हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। क्या इससे समस्या का समाधान हुआ? उन्हें ऐसा नहीं लगता, क्योंकि बिजनेस में जो नुकसान हुआ है तो ऐसे में नौकरी से निकाल देना सही नहीं हैै।बल्कि कर्मचारियों के प्रति कंपनी मैनेज्मेंट की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि खुद को यह कहते हुए अलग नहीं कर पाएंगे कि हम ऐसा करना जारी रखेंगे, क्योंकि हम ऐसा शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए र रहे हैं। आपको इस मौजूदा माहौल में संवेदनशील होना काफी जरूरी है, तभी आप सही मायनों में जीवित रह पाएंगे।

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आपको हर तरह से चोट पहुंचाएगी महामारी
उन्होंने चातचीत के दौरान कहा मौजूदा समय ऐसा चल रहा है, जहां से आपके पास छुपने या भागने की कोई जगह नहीं बची है। आप जहां भी जाएंगे कोरोना वायरस आपको नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ऐसी परिस्थितियों में आपको उन चीजों में बदलाव करने की जरुरत है जिसे आप बेहतर या अच्छा मानते हैं या फिर जिवित रहने के लिए जरूरी है। कोरोना वायरस की वजह से कई बिजनेस ठप हो गए हैं। जिनमें से कई ने वेतन कटौती या छंटनी का सहारा लेकर खुद को बचाने का प्रयास किया है। महामारी की वजह से स्टार्टअप इकोसिस्टम से कई यूनिकॉर्न यानी 7.4 हजार करोड़ रुपए वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप्स जैसे ओला, ओयो, स्विगी और जोमैटो ने अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करना पड़ा है।

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आपके लिए पसीना बहाने वालों को छोड़ा
रतन टाटा ने प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों पर कहा कि आय का साधन ना होने के कारण लॉकडाउन में उन्हें गर्मी में बिना किसी परिवहन घरों की ओर जाना पड़ा। देश की सबसे बड़ी वर्क फोर्स को उन्हीं के हाल पर यूं ही छोड़ दिया गया। इसके लिए वो किसी को दोष नहीं देना चाहते हैं, लेकिन यह एक ट्रेडिशनल अप्रोच था, अब माहौल और वातावरण और सोच में बदलाव आया है। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये वो श्रम शक्ति है जिन्होंने आपके लिए दिन रात एक किया। आप अपनी लेबर फोर्स के साथ ऐसा सलूक करते हैं, क्या ही आपकी नैतिकता की परिभाषा है?