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यह 3डी प्रिंटिंग रीयूजेबल रॉकेट, मंगल पर बसाएगा मानव कॉलोनी

यदि सबकुछ योजना के अनुसार होता है, तो 'टेरान 1' की पहली परीक्षण उड़ान 2021 के अंत में संभव हो सकती है। जबकि 'टेरान आर' 2024 में लॉन्च होगा।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Jul 27, 2021

यह 3डी प्रिंटिंग रीयूजेबल रॉकेट, मंगल पर बसाएगा मानव कॉलोनी

यह 3डी प्रिंटिंग रीयूजेबल रॉकेट, मंगल पर बसाएगा मानव कॉलोनी

कैलिफोर्निया स्थित एयरोस्पेस निर्माता 'रिलेटिविटी स्पेस' (Relativity Space) ने एक नया रॉकेट 'टेरान आर' (Terran R) बनाया है जो पूरी तरह 3डी प्रिंटेड तकनीक से बना है और दोबारा उपयोग किया जा सकने वाला दुनिया का पहला रॉकेट है। टेरान आर को एलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (Space X) के फाल्कन-9 रॉकेट के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है। 'रिलेटिविटी स्पेस' को युवा उद्यमियों टिम एलिस (25) और जॉर्डन नून (23) ने 2015 में शुरू किया था। आज रिलेटिविटी स्पेस में 400 कर्मचारी काम करते हैं और यह अरबों डॉलर की कंपनी बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। एलिस और नून ने 3D तकनीक की पूरी क्षमता का उपयोग कर यह रॉकेट बनाया है। अब दोनों पूरी तरह से 3D तकनीक से बने प्रक्षेपण यान को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च करने वाली दुनिया की पहली स्टार्ट-अप कंपनी बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।

216 फीट ऊंचा है रॉकेट
'टेरान आर' 16 फीट (5 मीटर) व्यास और 16 फीट (5 मीटर) पेलोड फेयरिंग वाला करीब 216 फीट (66 मीटर) ऊंचा रॉकेट है। यह दो चरणों में लॉन्च होगा, जो पृथ्वी की निचली कक्षा तक 20 हजार किलोग्राम (44,100 पाउंड) तक वजन उठा सकता है। टेरान आर और टेरान 1 दो अलग-अलग आकार के रॉॅकेट हैं। टेरान 1 पहले ही दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड स्पेस लॉन्च वाहन (स्पेस लॉन्च व्हीकल या एसएलवी) बन चुका है। हालांकि, टेरान १ को दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत, टेरान आर 3डी प्रिंटेड और पूरी तरह से दोबारा उपयोग (री-यूजेबल) है, जिसमें टेरान 1 से 16 गुना अधिक पेलोड होगा।

मेटल 3D तकनीक से बना
दोनों टेरान रॉकेट दुनिया के सबसे बड़े मेटल 3डी प्रिंटर का उपयोग कर बनाए जा रहे हैं। रिलेटिविटी स्पेस की 3D तकनीक की मदद से रॉकेट बनाने की सालों चलने वाली पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में दो महीने के भीतर असेंबल (Assemble) किया जा सकता है। इस तरह रॉकेट बनाने के लिए जरूरी सामानों की संख्या में 100 गुना कमी आई है। ये प्रिंटर उन विशेष सामग्रियों (Material) और अनोखे ज्यामितीय डिजाइन का भी समावेश कर सकते हैं, जो पारंपरिक निर्माण प्रक्रिया में संभव नहीं हैं। यदि सबकुछ योजना के अनुसार होता है, तो टेरान 1 की पहली परीक्षण उड़ान 2021 के अंत में संभव हो सकती है। जबकि टेरान आर 2024 में लॉन्च होगा।

मंगल पर कॉलोनी बसाएगा टेरान
कंपनी के सह-संस्थापक टिम एलिस का कहना है कि इस कंपनी की स्थापना 3D प्रिंटेड रॉकेट की सहायता से मंगल ग्रह (Mars) पर पर इंसानों के औद्योगिक ठिकानों का निर्माण करने के उद्देश्य से की गई थी। हम इस सपने को हकीकत में बदलने की प्रेरणा से काम कर रहे हैं। मंगल पर इंसानों के एक बहुग्रहीय (मल्टीप्लेनेटरी) प्रजाति के रूप में फलने-फूलने के लिए स्केलेबल, ऑटोनॉमस 3D प्रिंटिंग की आवश्यकता है। टेरान आर इस सफर का पहला पड़ाव है।

आखिर कितना सक्षम है टेरान
टेरान आर में सात 'एयॉन आर' रॉकेट इंजन लगे हैं। इनमें से प्रत्येक इंजन 136984.896 किलोग्राम (302,000 पाउंड) जितना थर्स्ट (Thurst) पैदा करने में सक्षम है। इसके दूसरे चरण में एक अन्य 'एयन वैक' इंजन है। वर्ष 2024 में, टेरान आर, केप कैनावेरल में कंपनी की साइट लॉन्च कॉम्प्लेक्स 16 से लॉन्च होगा, जहां इस साल टेरान 1 भी लॉन्च होने वाला है। टेरान 1 की तुलना में कहीं अधिक पेलोड लॉन्च करने की क्षमता के साथ, टेरान आर सरकारी और वाणिज्यिक (Commercial or Space Tourism) दोनों मिशनों में अंतरिक्ष तक सस्ती यात्रा का विकल्प बन सकता है।