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सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले जान लीजिए नए नियम, हो सकती है 5 साल की जेल

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अलावा यूजर्स को भी कंटेंट पोस्ट करते समय सावधानी रखनी होगी। आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। अपराध सिद्ध होने पर 5 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है।

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3 youth arrested for Uploading inappropriate videos on social media: Video

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केन्द सरकार ने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स व ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं, जिससे की इनका दुरुपयोग रोका जा सके। नई गाइडलाइन के अनुसार, सरकार द्वारा चिह्नित की गई सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। इसके साथ ही यह भी बताना होगा कि मैसेज किसने किया और कहां से किया। इसके साथ ही प्लेटफॉर्म्स को देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ राष्ट्रविरोधी संदेशों के मूल स्रोतों की पहचान करनी होगी। इसके साथ ही इस तरह का कंटेंट डालने वाले पर अपराध सिद्ध होने पर 5 वर्ष तक की सजा हो सकती है।

हर माह देनी होगी रिपोर्ट
सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया को भी कानून के दायरे में लाया गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हर महीने शिकायतों और उन पर कार्रवाई की रिपोर्ट भी देनी होगी। विवादित पोस्ट डालने पर सरकार उसे हटाने के निर्देश देगी और उस कंटेंट को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। साथ ही कंपनियों को यह भी बताना होगा कि वह कंटेंट किसने पोस्ट किया।

हो सकती है जेल
नई गाइडलाइंस के अनुसार सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट लिखने पर पांच साल की जेल हो सकती है। इसके साथ ही माता—पिता उस कंटेंट को ब्लॉक कर सकेंगे जो बच्चों के लिए ठीक नहीं है। ओटीटी और डिजिटल न्यूज के लिए तीन चरणों की प्रणाली बनेगी। इन्हें अपनी कंपनी की जानकारियां देनी होंगी। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पैरेंटल लॉक की व्यवस्था करनी होगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी के लिए एक सरकारी समिति बनेगी।

विवादित कंटेंट के बारे में देनी होगी जानकारी
नई गाइडलाइन में सरकार ने जो दिशा—निर्देश जारी किए हैं, उनके अनुसार सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट को 24 घंटे में हटाना होगा। साथ ही यह जानकारी देनी होगी कि यह पोस्ट सबसे पहले किसने डाली। सोशल मीडिया कंपनी को किसी आपत्तिजनक, शरारती पोस्ट या संदेश को सबसे पहले किसने लिखा इसकी जानकारी मांगने पर देनी होगी। ये व्यवस्था भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा, दुष्कर्म जैसे मामलों में लागू होगी। साथ ही शिकायतों के निपटारे के लिए कंपनियों को व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए एक भारतीय अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी और इसका निपटारा 15 दिन में करना होगा।

यूजर को भी रखना होगा ध्यान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अलावा यूजर्स को भी कंटेंट पोस्ट करते समय सावधानी रखनी होगी। किसी भी तरह की पोस्ट करने से पहले यूजर को यह देखना होगा कि उसमें कुछ आपत्तिजनक तो नहीं है। आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। अपराध सिद्ध होने पर 5 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है।