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WhatsApp पर हो रही है नई ठगी, एक गलती से खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट

साइबर ठगी करने वाले अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी का एक और पैंतरा निकाला है जो WhatsApp Screen Mirroring Fraud है। जानें इससे कैसे बचना है।

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भारत

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Rahul Yadav

Aug 16, 2025

WhatsApp Screen Mirroring Fraud

WhatsApp Screen Mirroring Fraud (Image: Pexels)

WhatsApp Screen Mirroring Fraud: डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ साइबर अपराधी भी लगातार नए-नए जाल बिछा रहे हैं। अब एक नया स्कैम सामने आया है जिसे WhatsApp Screen Mirroring Fraud कहा जा रहा है। इस फ्रॉड में ठग खुद को बैंक या वित्तीय संस्था का कर्मचारी बताकर लोगों से स्क्रीन शेयर करने को कहते हैं और पल भर में उनकी निजी जानकारी व बैंक अकाउंट तक पहुंच बना लेते हैं। अगर आप सावधान नहीं रहे तो आपकी मेहनत की कमाई और पहचान दोनों खतरे में पड़ सकती है।

OneCard ने दी चेतावनी

क्रेडिट कार्ड कंपनी OneCard ने अपने ग्राहकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। कंपनी ने कहा कि इस फ्रॉड में ठग WhatsApp के जरिए स्क्रीन-शेयरिंग ऑन करवाते हैं और पीड़ित का पूरा मोबाइल कंट्रोल कर लेते हैं। इस तरह उन्हें OTP, बैंक अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड, UPI PIN और पर्सनल मैसेजेस तक एक्सेस मिल मिल है।

कैसे होती है ये ठगी?

ठग खुद को बैंक या फाइनेंशियल कंपनी का कर्मचारी बताते हैं। कॉल करके कहते हैं कि आपके खाते में समस्या है और स्क्रीन शेयर करने के लिए दबाव डालते हैं। वे पीड़ित को WhatsApp वीडियो कॉल पर बुलाकर बताते हैं कि स्क्रीन ठीक से नहीं दिख रही जबकि असल में वे सबकुछ लाइव देख रहे होते हैं। जैसे ही आप बैंकिंग ऐप खोलते हैं या OTP/PIN डालते हैं वैसे ही ठग तुरंत ट्रांजैक्शन कर देते हैं। कई बार वे मोबाइल में की-लॉगर (Keylogger) ऐप भी इंस्टॉल कर देते हैं जो आपकी तरफ से टाइप किए गए हर पासवर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है।

ठग क्या-क्या चुरा सकते हैं?

  • बैंकिंग ऐप और UPI की जानकारी
  • OTP और पासवर्ड
  • पर्सनल मैसेज और डॉक्यूमेंट्स
  • सोशल मीडिया लॉगिन डिटेल्स
  • पहचान संबंधी जानकारी

इन जानकारियों के आधार पर अपराधी न केवल आपके अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं बल्कि आपकी पहचान का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

सुरक्षित रहने के उपाय

क्या करें

  • किसी कॉलर की पहचान हमेशा आधिकारिक बैंक चैनल से वेरिफाई करें।
  • स्क्रीन शेयरिंग केवल भरोसेमंद लोगों के साथ और तभी करें जब बहुत जरूरी हो।
  • मोबाइल और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें।
  • वित्तीय और मैसेजिंग ऐप्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें।
  • परिवार, खासकर बुजुर्गों को ऐसे फ्रॉड के बारे में जागरूक करें।

क्या न करें

  • अनजान नंबर या संदिग्ध कॉल का जवाब न दें।
  • स्क्रीन-शेयरिंग के दौरान कभी भी बैंकिंग या UPI ऐप का इस्तेमाल न करें।
  • दबाव में आकर OTP, पासवर्ड या PIN न डालें।

अगर धोखा हो जाए तो क्या करें?

यदि आप गलती से इस ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और अकाउंट फ्रीज करवाएं। इसके साथ ही साइबरक्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।