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Methi Ajwain Kala Jeera Benefits For Diabetes: बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक है डायबिटीज, जो आजकल एक आम बीमारी बन चुकी है। ब्लड शुगर का असंतुलन शरीर में कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से राहत पाना चाहते हैं, तो मेथी, अजवाइन और काला जीरा जैसे घरेलू मसालों का सेवन लाभकारी हो सकता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इन मसालों में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद करते हैं। इन तीनों का चूर्ण न केवल पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर कर सकता है। इस लेख में हमने आयुर्वेदिक डॉक्टर से इस विषय में बात की है, जिन्होंने इसके सेवन के सही तरीका भी बताया है।
डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) बताते हैं कि रसोई में मौजूद कुछ मसाले न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों को दूर करने में भी सहायक होते हैं। विशेष रूप से डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारी के लिए कुछ मसाले अत्यंत लाभकारी साबित हो सकते हैं, जैसे मेथी, अजवाइन और काला जीरा, जो न केवल आसानी से उपलब्ध हैं, बल्कि डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो खराब खान-पान, गलत जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण होती है। इस स्थिति में शरीर का ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर नियंत्रण से बाहर हो जाता है। लेकिन मेथी, अजवाइन और काला जीरा जैसे प्राकृतिक तत्वों के नियमित सेवन से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
मेथी के बीजों में एक खास फाइबर पाया जाता है जिसे गैलेक्टोमेनन कहा जाता है। यह फाइबर शरीर में शुगर के अवशोषण की गति को धीमा कर देता है, जिससे अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। इससे शुगर का स्तर संतुलित बना रहता है। साथ ही, मेथी शरीर में इंसुलिन की क्रिया को प्रभावी बनाने में मदद करती है, जिससे यह टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होती है।
अजवाइन में कुछ खास एंजाइम पाए जाते हैं जैसे – अल्फा एमाइलेज और अल्फा ग्लूकोसिडेस, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मदद करते हैं। इससे भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता और शुगर नियंत्रण में रहता है। साथ ही, अजवाइन पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाती है, जिससे गैस, अपच और बदहजमी की समस्याएं कम होती हैं।
काले जीरे के बीज या इसका तेल शरीर में इंसुलिन की क्रिया को बेहतर बनाता है। यह ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और कोशिकाओं की सक्रियता को बढ़ाता है। इसके नियमित सेवन से HbA1c (तीन महीने का औसत शुगर स्तर) भी कम होता है। इसके अलावा, यह शरीर में इंसुलिन से जुड़े तनाव को भी घटाता है, जिससे डायबिटीज पर काबू पाना आसान हो जाता है।
-खाली पेट बीजों का सेवन: सुबह खाली पेट 1-1 चम्मच मेथी और काला जीरा चबाकर खाएं।
-औषधीय पानी का सेवन: औषधीय पानी का सेवन डायबिटीज नियंत्रण के लिए एक सरल और प्रभावी घरेलू उपाय है। इसके लिए एक बर्तन में 250 मिलीलीटर पानी लें और उसमें 1-1 चम्मच मेथी, अजवाइन और काले जीरे के बीज डालें। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक पानी थोड़ा कम न हो जाए। इसके बाद इसे ठंडा करके हल्का गुनगुना होने दें, फिर इसमें 1 चम्मच शहद या गुड़ का पाउडर मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
01 Jun 2025 10:42 am
Published on:
01 Jun 2025 08:47 am
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